Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Sep, 2019 12:34 PM
भारतीय स्टेट बैंक ने हाउसिंग के साथ ही एमएसएमई और रिटेल लोन के मामले में सभी फ्लोटिंग रेट वाले लोन को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। इससे बैंक के करोड़ों ग्राहकों को फायदा होगा। यह नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
मुंबईः भारतीय स्टेट बैंक ने हाउसिंग के साथ ही एमएसएमई और रिटेल लोन के मामले में सभी फ्लोटिंग रेट वाले लोन को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है। इससे बैंक के करोड़ों ग्राहकों को फायदा होगा। यह नियम 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
एसबीआई ने रेपो रेट को इन सभी लोन के लिए एक्सटर्नल बेंचमार्क मानने का फैसला किया है। इसके पहले इस साल जुलाई में एसबीआई ने एक बड़ी पहल करते हुए ब्याज दरों में पारदर्शिता की मिसाल पेश की थी। SBI ने 1 जुलाई से अपने होम लोन की ब्याज दरों को रेपो दर से जोड़ने का फैसला किया था। बैंक अपने अल्पकालिक कर्ज और बड़ी जमा राशि की ब्याज दरों को रेपो दर से पहले ही जोड़ चुका।
RBI ने दिया था आदेश
इससे पहले भारतीय रिजर्व बैंक ने ऐलान किया था कि बैंकों द्वारा एक अक्तूबर से सभी नए परिवर्तनीय (फ्लोटिंग) दर वाले पर्सनल, खुदरा व एमएसएमई कर्ज बाह्य बेंचमार्क से जोड़ दिए जाएंगे। हालांकि, बैंक अपना बेंचमार्क तय करने को स्वतंत्र होंगे। रिजर्व बैंक ने बैंकों को रेपो दर, तिमाही या छमाही राजकोषीय बिल या फाइनेंशियल बेंचमार्क इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी किए गए किसी भी बाजार ब्याज दर मानक में से एक को चुनने का विकल्प दिया था।
SBI ने जारी की प्रेस विज्ञप्ति
एसबीआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि, 'सभी परिवर्तनीय ब्याज दर वाले ऋणों के लिए हमने ब्याज दर का बाहरी मानक रेपो दर को अपनाने का निर्णय किया है। लघु एवं उद्योग ऋण, आवास ऋण और अन्य खुदरा ऋणों पर यह ब्याज दरें एक अक्तूबर 2019 से प्रभावी होंगी।'
SBI का रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) रिजर्व बैंक के के रेपो रेट से करीब 2.25 फीसदी ऊपर रहता है। अभी रेपो रेट 5.40 फीसदी है तो SBI का RLLR 7.65 फीसदी है। इसके अलावा RLLR से ऊपर 0.40 फीसदी और 0.55 फीसदी का स्प्रेड होता है। इस हिसाब से नए होम लोन ग्राहक सालाना 8.05 फीसदी या 8.20 फीसदी पर होम लोन पा सकते हैं।