सेंसेक्स 45 हजार अंक और निफ्टी 13400 अंक के होगा पार

Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Dec, 2019 05:36 PM

share market 45 thousand mark and nifty will be at 13400 mark

कंपनी कर में कटौती किए जाने से मुनाफे में बढोतरी होने के मद्देनजर अगले वर्ष भी शेयर बाजार में लिवाली बने रहने की संभावना है और इसके बल पर बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स के बढ़कर 45500 अंक पर

नई दिल्लीः कंपनी कर में कटौती किए जाने से मुनाफे में बढोतरी होने के मद्देनजर अगले वर्ष भी शेयर बाजार में लिवाली बने रहने की संभावना है और इसके बल पर बीएसई के 30 शेयरों वाले संवेदी सूचकांक सेंसेक्स के बढ़कर 45500 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी के 13400 अंकों पर पहुंचने का अनुमान है। 

बाजार अध्ययन और ब्रोकिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी कोटक सिक्युरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार चालू वर्ष में नवंबर महीने तक शेयर बाजार ने दो अंकों का रिटर्न दिया है और कंपनी कर में कमी किए जाने से कंपनियों के लाभ में बढोतरी होने से अगले वर्ष लिवाली के जोर से बीएसई का सेंसेक्स 45500 अंक पर और एनएसई का निफ्टी 13400 अंक पर पहुंच सकता है। बीते साल निफ्टी ने द्विअंकीय रिटर्न दिया जिसमें असल योगदान केवल कुछ ही कंपनियों का था। जबकि व्यापक स्तर पर बाजार अभी भी दबाव में है। मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों ही सूचकांक इस कैलेंडर वर्ष में नकारात्मक रिटर्न दे रहे हैं। 

रिपोर्ट के अनुसार अर्थव्यवस्था में जो कुछ दिख रहा है उससे अलग मार्केट का मूड ज्यादा सकारात्मक है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कॉर्पोरेट टैक्स में कमी होने से कंपनियों की आमदनी में सुधार हुआ है तथा साथ ही एफपीआई और एसआईपी का प्रवाह भी मजबूत हुआ है। चालू वर्ष में अब तक एफपीआई एवं घरेलू संस्थागत निवेशक इक्विटी में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुके हैं। म्यूचुअल फंड में औसत मासिक एसआईपी का प्रवाह 8230 करोड़ रुपए रहा है जिससे बाजार को बढ़ावा मिला है। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण वर्ष 2020 में एक बड़ा मुद्दा बन सकता है। बीपीसीएल, कॉनकॉर तथा शिपिंग कॉर्पोरेशन की रणनीतिक बिक्री सरकार को 800 अरब रुपए से अधिक की राशि दे सकती है और इससे अन्य बड़े विनिवेश के लिए जमीन तैयार हो जाएगी। यदि सरकार को सभी गैर-रणनीतिक सूचीबद्ध सार्वजनिक उपक्रमों (जिनमें बैंक/वित्तीय उपक्रम शामिल नहीं होंगे) का निजीकरण करना है तथा पांच रणनीतिक सार्वजनिक उपक्रमों (यानी ओएनजीसी, कोल इंडिया, आईओसी, बीईएल तथा हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स) में 51 प्रतिशत अपने पास रखना है तो अगले कुछ वर्षों में इनसे पांच लाख करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हो सकती है।

इसमें कहा गया है कि इस साल का लो बेस इफैक्ट भी कंपनियों को मदद दे सकता है कि वे वित्त वर्ष 2021 में अच्छा राजस्व तथा ऑपरेटिंग लाभ में वृद्धि दर्ज कर सकें। निफ्टी 50 में शामिल कंपनियों की आय चालू वित्त वर्ष में 10 प्रतिशत तथा अगले वित्त वर्ष में 21 में 27 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है। अगले तीन वर्षों के दौरान निफ्टी 50 की आय 18 प्रतिशत वार्षिक से बढ़ सकती है जो कि बीते तीन वर्षों में 8 प्रतिशत से बढ़ी है। रिपोर्ट में अगले वर्ष निफ्टी के 13,400 अंक पर तथा सेंसेक्स के 45,500 अंकों तक पहुंचने का अनुमान जताया गया है। अगर आगामी केन्द्रीय बजट करदाताओं और निवेशकों को कुछ प्रोत्साहन देता है तो बाजार में व्यापक रैली देखी जा सकती है जिससे मिडकैप तथा स्मॉलकैप में दिलचस्पी को फिर से जगा सकती है। 

वित्त वर्ष 2021 में आय की उम्मीद मुख्य रूप से कुछ गिने चुने स्टॉक से रहने का अनुमान जताया गया है। जिन कंपनियों को इस वर्ष कर में कटौती की वजह से लाभ हुआ है वे अगले वित्त वर्ष में बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। वर्ष 2020 के लिए उन सेक्टरों को तरजीह दिए जाने की सलाह दी गई है जिनमें ज्यादा कमाई दिख रही है। इन पैरामीटरों के आधार पर कॉर्पोरेट बैंक, एनबीएफसी (मजबूत पेरेंटेज वाली बड़ी कंपनियां), तेल एवं गैस, पूंजीगत सामान, निर्माण, हेल्थकेयर तथा ऐग्रोकैमिकल जैसे सेक्टरों के स्टॉक पर फोकस करना लाभ दायक हो सकता है। 

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