Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Apr, 2024 04:53 PM
भारत ने मॉरीशस रूट पकड़ने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को बड़ा झटका दिया है। दरअसल सरकार ने मॉरीशस के रास्ते आने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को आसान टैक्स के मिल रहे फायदों को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
बिजनेस डेस्कः भारत ने मॉरीशस रूट पकड़ने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) को बड़ा झटका दिया है। दरअसल सरकार ने मॉरीशस के रास्ते आने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को आसान टैक्स के मिल रहे फायदों को समाप्त करने का निर्णय लिया है।
7 मार्च को ही दोनों देशों ने किए हस्ताक्षर
एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में दोनों देशों मॉरीशस और भारत की सरकारों ने डबल टैक्सेशन अवॉयडेंस एग्रीमेंट में सुधार किया है। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच इस संबंध में 7 मार्च को ही समझौते पर हस्ताक्षर हो गए लेकिन बदलावों के बारे में जानकारी को पहली बार बुधवार को सार्वजनिक किया गया।
पुराने FPI कर सकते हैं एक्जिट
एक अन्य रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि नियमों में इस बदलाव का असर न सिर्फ नए एफपीआई पर होगा, बल्कि पहले आ चुके विदेशी पोर्टफोलियो निवेश पर भी इसका असर दिख सकता है और पुराने एफपीआई भारतीय बाजार से एक्जिट कर सकते हैं। हालांकि जानकारी सामने आने के बाद भी बुधवार को घरेलू बाजार में तेजी का क्रम बरकरार रहा।
इन निवेशकों को होगी दिक्कतें
दोनों देशों के बीच हुए नए समझौते के तहत अब इसे किसी तीसरे देश के नागरिकों के परोक्ष लाभ के लिए इस्तेमाल में नहीं लाया जा सकता है। लगभग सभी मामलों में ऐसा पाया गया है कि भारत में निवेश करने वाले मॉरीशस स्थित निकायों के शेयरहोल्डर या इन्वेस्टर तीसरे देशों के होते हैं। भारत और मॉरीशस के बीच समझौते में बदलाव से ऐसे निवेशकों को दिक्कतें हो सकती हैं।