Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Aug, 2018 03:06 PM
भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि केंद्र सरकार और कपड़ा मंत्रालय कपड़ा उद्योग के हित में कपास की गांठों में कचरे की समस्य के समाधान का प्रयास कर रहा है।
कोयंबटूरः भारतीय कपास निगम (सीसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि केंद्र सरकार और कपड़ा मंत्रालय कपड़ा उद्योग के हित में कपास की गांठों में कचरे की समस्य के समाधान का प्रयास कर रहा है। अधिकारी ने यह बात कपास में दूषित चीजों स्तर ऊंचा होने और कपास की उपज का स्तर कम होने के बारे में कपड़ा उद्योग की शिकायत का जवाब दे रहे थे।
सीसीआई के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक पी एली रानी ने कल रात चौथे दो दिवसीय अखिल भारतीय कपास सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हालांकि भारत कपास का सबसे बड़ा उत्पादक देश है लेकिन कपास में कचरा ज्यादा होने से उसका उपयोग करने वाली इकाइयों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि कपास में कचरे की की जांच करने के पहले चरण के रूप में, भारतीय मानक ब्यूरो जिनिंग मिलो से आने वाली कपास की गांठों के स्रोत का पता लगाने के लिए एक प्रणाली तैयार करेगा।
ऐसा करके, सरकार प्रदूषण के स्रोत को जान पाएगी और निवारक उपायों को अपना सकती है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, कपड़ा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित कपास पर प्रौद्योगिकी मिशन के दूसरे चरण को मंजूरी मिल जाती है तो गांठ में कचरे की समस्या का समाधान स्वत: ही हो जाएगा। सम्मेलन का संयुक्त रूप से भारतीय कपास संघ और भारतीय कपास संघ, भटिंडा द्वारा आयोजित किया गया था।