Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Aug, 2018 04:53 PM
सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह के फ्लैट खरीदारों को झटका देते हुए कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) का मामला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) को भेज दिया है। कोर्ट ने इलाहाबाद पीठ को कंपनी के खिलाफ दिवालियापन कानून के तहत फैसला करने को...
बिजनेस डेस्कः सुप्रीम कोर्ट ने जेपी समूह के फ्लैट खरीदारों को झटका देते हुए कंपनी जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड (जेआईएल) का मामला राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) को भेज दिया है। कोर्ट ने इलाहाबाद पीठ को कंपनी के खिलाफ दिवालियापन कानून के तहत फैसला करने को कहा और कंपनी की नई नीलामी प्रक्रिया में इस समूह या इसके प्रवर्तकों को भाग लेने से रोक दिया।
180 दिन में निपटाना होगा मामला
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि दिवालियापन संहिता के तहत मामले के निपटान के लिए 180 दिन की समय सीमा आज से शुरू होगी। पीठ ने यह भी कहा है कि जेपी इंफ्राटेक लिमिटेड द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जमा कराए गए 750 करोड़ रुपए एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ को हस्तांतरित कर दिए जाएंगे। कोर्ट ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को जेआईएल की होल्डिंग कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट लिमिटेड (जेएएल) के खिलाफ दिवालियापन कानून के तहत एक अलग से कार्रवाई शुरू करने की भी अनुमति दी। पीठ ने कहा कि ऋण शोधन अक्षमता एवं दिवालियापन संहिता (आईबीसी) में किए गए संशोधनों के अनुसार घर खरीदने के लिए पैसा जमा कराने वाले ग्राहकों को भी वित्तीय ऋणदाताओं के समूह में शामिल किया जाए।
यह है मामला
गौरतलब है कि जेपी इंफ्रा के 21 हजार फ्लैट खरीदारों ने कंपनी की दिवालिया प्रक्रिया के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था, जहां सुप्रीम कोर्ट ने 4 सितंबर 2017 को घर खरीददार चित्रा शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए जेपी के दिवालिया प्रक्रिया को रोक दिया था। फ्लैट खरीदार अपने हितों की रक्षा चाहते थे। जेपी ग्रुप की मुख्य कंपनी जेपी एसोसिएट्स ने प्रस्ताव दिया है कि वो इन प्रोजेक्ट को पूरा करेगा। उसने मांग की है कि इलाहाबाद एनसीएलटी में जेपी इंफ्रा को लेकर लंबित कार्रवाई को चलने दिया जाए। इससे निवेशकों के हितों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।