Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Sep, 2025 04:06 PM

सरकार शैम्पू से लेकर दालों तक दैनिक उपयोग के उत्पादों की कीमतों पर नजर रख रही है और इसके लिए ई-कॉमर्स मंचों को जांच के दायरे में रखा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक उचित तरीके से...
बिजनेस डेस्कः सरकार शैम्पू से लेकर दालों तक दैनिक उपयोग के उत्पादों की कीमतों पर नजर रख रही है और इसके लिए ई-कॉमर्स मंचों को जांच के दायरे में रखा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में कटौती का लाभ उपभोक्ताओं तक उचित तरीके से पहुंचाया जाए। एक सूत्र ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अधिकारी इस बात पर निगरानी रख रहे हैं कि क्या ये ऑनलाइन बाजार (ई-कॉमर्स) मूल्य निर्धारण मानदंडों का अनुपालन कर रहे हैं और कर कटौती से अपेक्षित उपभोक्ता लाभ को रोक तो नहीं रहे हैं।
कुछ ई-कॉमर्स मंच पर बेची जा रही रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में उचित कटौती नहीं किए जाने की शिकायतों के बीच सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अनौपचारिक रूप से कुछ ई-कॉमर्स संचालकों को उनके द्वारा पेश की जा रही कुछ वस्तुओं की कीमतों के लिए फटकार लगाई है। सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार जीएसटी कटौती को सुचारू और वास्तविक रूप से लागू कराने के लिए ई-कॉमर्स संचालकों पर नजर रख रही है। राजस्व विभाग इस बात पर गौर कर रहा है कि करों में कटौती उसी अनुपात में की गई है या नहीं।''
उन्होंने बताया कि जब जीएसटी कटौती से पहले और बाद में कीमतों में विसंगतियों की ओर इशारा किया गया तो ई-कॉमर्स मंचों ने ‘तकनीकी गड़बड़ियों' का हवाला दिया। सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार कड़ी निगरानी रख रही है।'' माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में पांच और 18 प्रतिशत की दो स्तरीय व्यवस्था 22 सितंबर से लागू की गई है। इससे 99 प्रतिशत दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतें कम हो गई हैं। हालांकि मुनाफाखोरी से संबंधित शिकायतों के लिए मुनाफाखोरी-रोधी प्रणाली सक्षम नहीं है, सरकार मूल्य निर्धारण पर नजर रख रही है और विभिन्न कंपनियों ने स्वयं आगे आकर कहा है कि वे कीमतें कम करके कर कटौती का लाभ दे रही हैं।
वित्त मंत्रालय ने नौ सितंबर को केंद्रीय जीएसटी के क्षेत्रीय अधिकारियों को 54 सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली वस्तुओं में मूल्य परिवर्तन की मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए लिखा था। इन वस्तुओं के ब्रांड-वार अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के तुलनात्मक विवरण पर पहली रिपोर्ट मंगलवार तक केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को प्रस्तुत करनी है। इन वस्तुओं की सूची में मक्खन, शैम्पू, टूथपेस्ट, टोमैटो केचप, जैम, आइसक्रीम, एसी, टीवी, सभी डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, पट्टियां, थर्मामीटर, रबड़, क्रेयॉन और सीमेंट आदि शामिल हैं।