डाटा के स्थानीयकरण की भारतीय नीति से सहमत नहीं है अमेरिका

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Oct, 2018 04:26 PM

top trade official says amid looming rbi directive

अमेरिका विभिन्न देशों में सूचना के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए डाटा को स्थानीय सर्वर में संग्रहीत करने की नीति पर रोक चाहता है। डाटा के स्थानीयकरण संबंधी भारत के हालिया दिशा-निर्देशों

वॉशिंगटनः अमेरिका विभिन्न देशों में सूचना के मुक्त प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिए डाटा को स्थानीय सर्वर में संग्रहीत करने की नीति पर रोक चाहता है। डाटा के स्थानीयकरण संबंधी भारत के हालिया दिशा-निर्देशों के खिलाफ अमेरिका की शीर्ष कंपनियों द्वारा विरोध जताए जाने के बीच ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह बात कही। डाटा के स्थानीयकरण या डाटा लोकलाइजेशन का मतलब है, आंकड़ों को उसी देश में संग्रहीत करना, जहां से वह जुड़ा है।

आरबीआई ने अप्रैल में अपने परिपत्र में भुगतान सेवा देने वाले सभी परिचालकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा था कि भुगतान संबंधी सभी डाटा का संग्रहण उन्हें केवल भारत में ही स्थापित एक प्रणाली में करना होगा। रिजर्व बैंक ने ऐसा करने के लिए कंपनियों को 15 अक्टूबर तक की मोहलत दी थी। 

अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि और डब्ल्यूटीओ में अमेरिका के राजदूत डेनिस शीया ने शुक्रवार को कहा, 'हम एक सीमा से दूसरी सीमा तक सूचना एवं डाटा के मुक्त प्रवाह के लिए आंकड़ों के स्थानीयकरण पर रोक चाहते हैं।' उन्होंने कहा कि वे डिजिटल ट्रांसमिशन के लिए कर या शुल्क पर स्थायी प्रतिबंध चाहते हैं। शीया ने एक सवाल के जवाब में कहा, 'हम चाहते हैं कि दक्षिण अफ्रीका और भारत इन शुल्कों पर रोक के बारे में नये सिरे से सोचे।' ऐसा समझा जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के खिलाफ अमेरिकी वित्तीय कंपनियों ने ट्रंप प्रशासन से संपर्क किया है।  
 

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