Edited By Supreet Kaur,Updated: 11 Sep, 2018 11:52 AM
भारत की दूसरी सबसे बड़ी टैलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया 10 अरब डॉलर के सिनर्जी बैनीफिट्स हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसमें कंपनी के लिए तर्कसंगत रूप से टावरों को किराए पर देना शामिल है। कंपनी कर्मचारियों की संख्या को भी 15,000 तक सीमित कर...
नई दिल्लीः भारत की दूसरी सबसे बड़ी टैलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया 10 अरब डॉलर के सिनर्जी बैनीफिट्स हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जिसमें कंपनी के लिए तर्कसंगत रूप से टावरों को किराए पर देना शामिल है। कंपनी कर्मचारियों की संख्या को भी 15,000 तक सीमित कर सकती है।
पिछले हफ्ते वोडाफोन इंडिया और आइडिया ने अपने विलय की प्रक्रिया को पूरा कर लिया था। यह विलय तय शैड्यूल के लगभग 2 महीने बाद हुआ है। कंपनी को अपने 17,500-18,000 स्टाफ में से 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ेगी जबकि इनमें से कुछ को पेरैंट कंपनी वोडाफोन ग्रुप और आदित्य बिड़ला ग्रुप में जगह दी जाएगी। कुछ लोग मर्जर के बाद खुद ही नौकरी छोड़कर जा सकते हैं। एक हफ्ते पुरानी कंपनी संभवत: प्रोमोशन्स और इंक्रीमैंट भी रोक सकती है।
यह जानकारी मामले से वाकिफ लोगों ने दी है। हालांकि वोडाफोन इंडिया ने इसे ‘अटकलबाजी’ बताया है। हालांकि इस मामले से वाकिफ एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने कहा कि कुछ कर्मचारियों को बाहर किया जा सकता है। एग्जीक्यूटिव ने कहा कि कंपनी कर्मचारियों के वैल्फेयर का ध्यान रखेगी जिसमें उन्हें नौकरी छोडऩे के बाद कुछ फायदे दिए जा सकते हैं और संभवत: पेरैंट आदित्य बिड़ला ग्रुप में उनका इंटर्नल ट्रांसफर भी किया जा सकता है।