हरियाणा राज्य डाटा सैंटर नीति 2022 को दी मंजूरी

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 27 Jun, 2022 07:54 PM

7500 crore investment potential

हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा को डेटा सैंटर उद्योग के स्थल के रूप में विकसित करने और हरियाणा को वैश्विक डेटा सैंटर हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य डाटा सैंटर नीति, 2022 को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति का उद्देश्य...

चंडीगढ़,(बंसल): हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा को डेटा सैंटर उद्योग के स्थल के रूप में विकसित करने और हरियाणा को वैश्विक डेटा सैंटर हब के रूप में स्थापित करने के उद्देश्य से हरियाणा राज्य डाटा सैंटर नीति, 2022 को स्वीकृति प्रदान की गई। इस नीति का उद्देश्य दुनिया के मुख्य उद्यमियों को उद्योग व व्यापार वातावरण  प्रदान करके आकर्षित करना और हरियाणा में 115-120 नए डाटा सैंटर की स्थापना की सुविधा प्रदान करना है। इनके स्थापित होने से 7500 करोड़ रुपए के निवेश की संभावना है। हरियाणा में स्थापित 1 मेगावाट और उससे अधिक बिजली की खपत करने वाला कोई भी डाटा सैंटर इस नई नीति के तहत विभिन्न लाभों का लाभ उठाने के लिए पात्र होगा।

 


इस नीति के प्रमुख लाभ : 
एस.जी.एस.टी. प्रतिपूर्ति: ए और बी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एस.जी.एस.टी. की 50 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति और सी व डी श्रेणी के ब्लॉकों में 10 वर्षों की अवधि के लिए कुल एस.जी.एस.टी. की 75 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी।
बिजली बिल में प्रतिपूर्ति: हरियाणा के डिस्कॉमस द्वारा बिजली खपत के बिजली बिल में 3 साल की अवधि के लिए कुल एस.जी.एस.टी. के 25 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति होगी।
स्टाम्प शुल्क प्रतिपूर्ति: डेटा सैंटर की स्थापना के लिए बिक्री/पट्टा विलेखों पर भुगतान किए गए स्टाम्प शुल्क की शत-प्रतिशत प्रतिपूर्ति होगी।
बिजली शुल्क छूट : 20 साल की अवधि के लिए बिजली शुल्क से शत-प्रतिशत छूट की अनुमति होगी।
रोजगार सृजन सब्सिडी: 10 वर्षों की अवधि के लिए 48,000 रुपए प्रति वर्ष रोजगार सृजन हेतु डेटा सैंटर सब्सिडी के लिए पात्र होंगे। 

 


संपत्ति कर: राज्य में संचालित डाटा केंद्रों के लिए संपत्ति कर औद्योगिक दरों के बराबर होगा।
हरियाणा बिल्ंिडग कोड: हरियाणा सरकार डेटा सैंटर से संबंधित बुनियादी ढांचे को हरियाणा बिल्ंिडग कोड के तहत एक अलग इकाई के रूप में शामिल करेगी, जो एफ.ए.आर. में छूट और बिल्डिंग डिजाइन तथा निर्माण मानदंड प्रदान करेगी। निर्माण के लिए ग्राऊंड कवरेज की अनुमति प्लॉट क्षेत्र के 60 प्रतिशत की दर से दी जाएगी, एफ.ए.आर. 5 तक होगा, खिड़कियों और पार्किंग क्षेत्र की आवश्यकता केवल वास्तविक जरूरतों के अनुसार होगी; बिजली जनरेटर/डी.जी. सेटों को जी प्लस4 स्तरों तक स्थापित करने की अनुमति होगी, रूफ टॉप चिल्लर की अनुमति होगी और अतिरिक्त एक मीटर वाई फेसिंग के साथ 3.6 मीटर ऊंचाई की चारदीवारी की भी अनुमति होगी। राज्य सरकार डाटा केन्द्रों को चौबीसों घंटे जलापूर्ति प्रदान करने का प्रयास करेगी।
 

 

पूर्व-प्रारंभिक अनुमोदन: डाटा सैंटर के निर्माण से संबंधित सभी अनुमोदन जैसे भवन योजना अनुमोदन, अस्थायी बिजली कनेक्शन, अग्निशमन योजना, स्थापना की सहमति इत्यादि डेटा केंद्रों को आवेदन की प्राप्ति के 10 कार्य दिवसों के भीतर दिए जाएंगे। व्यवसाय के वास्तविक प्रारंभ के लिए आवश्यक अनुमोदन जैसे-स्थायी बिजली कनैक्शन, ऑक्यूपेशन प्रमाण पत्र और संचालन की सहमति आवेदन की प्राप्ति के 15 कार्य दिवसों के भीतर डेटा केंद्रों को दी जाएगी।
आवश्यक सेवाएं: हरियाणा सरकार डेटा केंद्रों को हरियाणा आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम, 1974 के तहत एक आवश्यक सेवा के रूप में घोषित करेगी। राज्य संचार और कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर पॉलिसी के तहत दिशा-निर्देशों के अनुसार और समयबद्ध तरीके से  डेटा सैंटरों के लिए स्वीकृति के आवेदनों को राइट ऑफ वे मुहैया करवाया जाएगा।

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