पोषण अभियान की निकली हवा, स्कूलों में नहीं हो रहे हैं जागरूकता कार्यक्रम

Edited By Priyanka rana,Updated: 27 Sep, 2019 10:18 AM

awareness program

शहर के सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पोषण अभियान की शुरूआत की।

चंडीगढ़(वैभव) : शहर के सरकारी स्कूलों में बच्चों को स्वस्थ्य रखने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पोषण अभियान की शुरूआत की। उसके अलावा सोशल वैल्फेयर, वूमैन एंड चाइल्ड डिवैल्पमैंट विभाग को शहर के स्कूल और कॉलेजों में एनीमिया के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यक्रम की शुरूआत करनी है। 

लेकिन शिक्षा विभाग द्वारा शहर के स्कूलों में शुरू किए पोषण अभियान की हवा निकलती दिखाई दे रही है। शहर में 114 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें लाखों की संख्या में स्टूडैंट्स पढ़ते हैं। स्कूलों में ज्यादातर स्लम और लोअर मिडिल क्लास के परिवारों के बच्चे आते हैं।

पोषण अभियान के लिए जारी किया था स्कूलों को मैमो :
विभाग द्वारा पोषण अभियान को इसलिए शुरू किया गया था, ताकि स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके। स्कूलों में बच्चों को पौष्टिक आहार मिलने से उनमें होने वाली बीमारियां दूर होंगी। 

इसके लिए डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन ऑफिसर (डी.ई.ओ.) की ओर से 4 सितम्बर को एक लैटर भी जारी कर दिया गया था। साफ-साफ कहा गया था कि  सरकारी स्कूलों में पोषण अभियान को गंभीरता से चलाया जाना चाहिए।

नहीं हो पा रहे हैं बच्चे पौष्टिक खाने के प्रति जागरूक :
पोषण अभियान के चलते स्कूलों में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था जिसमें बच्चों को बताया गया कि उन्हें रोजमर्रा में कौन सा भोजन खाना चाहिए और किससे  परहेज करना चाहिए। 

बच्चों को छोटी उम्र में ही इस बारे में जानकारी दी जा रही थी। लेकिन अब बच्चों को इस जानकारी से भी महरूम रहना पड़ रहा है। स्कूलों में मिली जानकारी के बाद बच्चे घर जाकर इसे अपने अभिभावकों से शेयर करते थे। ताकि वह अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो सकें। 

स्कूलों में शुरू हुए हैल्थी फूड कंपीटिशन अब बंद :
स्कूलों में हैल्दी फूड प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा था, जिसे देखने के बाद लग रहा था कि विभाग इस अभियान के प्रति ज्यादा गंभीर है। हैल्दी फूड प्रतियोगिता प्राइमरी क्लास के बच्चों के लिए ज्यादा आयोजित की जा रही हैं, लेकिन स्कूलों में अब वो भी नहीं हो रही हैं, यह प्रतियोगिता बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद थी, जिसमें  उन्हें फल, सब्जियों इत्यादि के बारे में जानकारी दी जा रही थी।

टीचर्स चैक नहीं कर रहे बच्चों के टिफिन :
अभियान के तहत शिक्षा विभाग ने स्कूलों को यह भी आदेश जारी किया था कि स्कूलों में पोषण अभियान के तहत गतिविधियों का आयोजन किया जाए जिसमें बच्चों द्वारा लाए जाने  वाले टीफिन को देखा जाए। अगर बच्चे का खाना हैल्दी न हो तो उसको इस बारे में बताएं और अगले दिन फिर उसे चैक करें। इससे बच्चों के बीच में जागरूकता आएगी। लेकिन  टीचर्स द्वारा इस ओर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

20 दिनों में कुछ स्कूलों ने ही पोषण अभियान की दी है जानकारी :
डी.ई.ओ. ऑफिस के लैटर में कहा गया था कि स्कूलों को पोषण अभियान के तहत आयोजित गतिविधियों की पूरी जानकारी रोजाना दे। इसकी जिम्मेदारी स्कूल की कम्प्यूटर टीचर्स को सौंपी गई थी जिसे वैबसाइट और वट्सएप ग्रुप में अपलोड करना था। 20 दिनों में केवल इक्का-दुक्का स्कूलों ने ही जानकारी अपलोड की है। अधिकारियों ने जानकारी अपलोड न के होने से स्कूल प्रशासन से नहीं पूछा।

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