Edited By Priyanka rana,Updated: 24 Aug, 2019 09:44 AM
कस्टमर की बिना सहमति से चैक लगाया और बैंक को चैक रिटर्न पर 59 रुपए चार्ज करना महंगा पड़ गया है। उपभोक्ता फोरम ने बैंक को निर्देश दिए हैं कि 59 रुपए की एंट्री शिकायतकर्ता के अमाऊंट में रिवर्स की जाए।
चंडीगढ़(राजिंद्र) : कस्टमर की बिना सहमति से चैक लगाया और बैंक को चैक रिटर्न पर 59 रुपए चार्ज करना महंगा पड़ गया है। उपभोक्ता फोरम ने बैंक को निर्देश दिए हैं कि 59 रुपए की एंट्री शिकायतकर्ता के अमाऊंट में रिवर्स की जाए।
साथ ही मानसिक पीड़ा और उत्पीडऩ के लिए 10 हजार रुपए मुआवजा और 5 हजार रुपए मुकदमा खर्च भी देने के निर्देश दिए हैं। आदेश की प्रति मिलने पर 30 दिनों के अंदर इन आदेशों की पालना करनी होगी।
इंडसइंड बैंक के खिलाफ दी थी शिकायत :
सैक्टर-8सी चंडीगढ़ निवासी आदित्य पंडित ने फोरम में इंडसइंड बैंक सैक्टर-8 सी चंडीगढ़ के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में शिकायतकर्ता ने बताया कि उसका इंडसइंड बैंक और सैक्टर-8 सी में ही पंजाब नैशनल बैंक में सेविंग अकाऊंट है।
उन्होंने बताया कि एक लाख रुपए का चैक आदित्य पंडित अपने नाम पर उन्होंने इश्यू किया और पंजाब नैशनल बैंक से ये राशि निकाली जानी थी। उन्होंने इंडसइंड बैंक में ये चैक डिपॉजिट कर दिया, ताकि उनके अकाऊंट में ये राशि क्रेडिट हो सकें। बिना कोई कारण बताए उनका ये चैक वापस आ गया। शिकायतकर्ता ने बताया कि उसको पैसों की जरूरत थी, इसलिए उन्होंने पंजाब नैशनल बैंक के अपने अकाऊंट से 90 हजार रुपए निकाल लिए, जिसके चलते उनके इस बैंक में बैलेंस कम हो गया।
इसके बाद भी बैंक ने उनकी सहमति के बिना ही पी.एन.बी. से क्लीयरैंस के लिए दोबारा ये चैक लगा दिया। पर्याप्त बैलेंस न होने के चलते ये चैक वापस आ गया और पी.एन.बी. की तरफ से उनके अकाऊंट से 354 रुपए काट लिए गए। यहां तक कि चैक वापस आने के चलते इंडसइंड बैंक द्वारा भी उनके अकाऊंट से 59 रुपए काट लिए गए। इसके बाद ही शिकायतकर्ता ने बैंक पर सेवा में कोताही का आरोप लगाते हुए इस संबंध में फोरम में शिकायत दी।