Edited By Priyanka rana,Updated: 30 Jan, 2020 01:39 PM
नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स पास करने और ड्यूटी में लापरवाही करने के आरोप में स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कार्रवाई करते हुए जीरकपुर नगर काउंसिल के मौजूदा और तत्कालीन ई.ओ. को निलंबित करने के बाद बड़े खुलासे हो रहे...
जीरकपुर(गुरप्रीत) : नियमों को ताक पर रखकर बिल्डर्स के प्रोजेक्ट्स पास करने और ड्यूटी में लापरवाही करने के आरोप में स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कार्रवाई करते हुए जीरकपुर नगर काउंसिल के मौजूदा और तत्कालीन ई.ओ. को निलंबित करने के बाद बड़े खुलासे हो रहे हैं।
हलका विधायक एन.के. शर्मा समेत काउंसिल के सभी काउंसलर हर बैठक में आरोप लगा रहे थे कि नगर काउंसिल जीरकपुर में बड़े स्तर पर धांधलियां की जा रही हैं। जानकारी अनुसार वेटरन बिल्डर एंड प्रोमटर ओल्ड अम्बाला-कालका रोड पर 27 बीघा जमीन में कमर्शियल प्राजैक्ट तैयार कर रहा है। नियम के मुताबिक बिल्डर ने प्रोजेक्ट पास करवाना जरूरी होता है।
जिसके तहत बिल्डर को जहां स्थानीय निकाय विभाग की पूरी फीस भरने के अलावा पार्किंग के लिए उपयुक्त जगह, सड़कों और अन्य नियमों की पालना जरूरी होती है। लेकिन उक्त बिल्डर पर तत्कालीन कार्यकारी अधिकारी गिरिश वर्मा और मौजूदा कार्यकारी अधिकारी सुखजिन्दर सिंह सिद्धू मेहरबान रहे। जिसके चलते सरकार को करोड़ों रूपए की चपत लगी। मंगलवार को स्थानीय निकाय विभाग ने दोनों अधिकारियों को निलबिंत कर दिया।
सूत्रों अनुसार बिल्डर की आधिकारियों की मिलीभगत से पूरे प्रोजेक्ट्स की जगह अलग-अलग शोरूम के नक्शे पास करवाए जा रहे हैं। अलग-अलग शोरूम के नक्शे पास करवाने से बिल्डर को करोड़ों रुपए का लाभ हुआ है और सरकार को नुक्सान। बिल्डर ने यहां बेसमैंट और ग्राऊंड फ्लोर समेत तीन मंजिला शोरूम तैयार किए जा रहे हैं।
18 स्क्वेयर फुट की चौड़ाई और 90 फुट लंबाई के साथ कुल 180 गज के प्रति शोरूम को करोड़ों रुपए का खाली प्लाट और तकरीबन तीन करोड़ रुपए की लागत से तैयार शोरूम बेचा जा रहा है। आधिकारियों की मिलीभगत से बिल्डर यहां बिना कमर्शियल प्रोजैक्ट को पास करवाए करोड़ों रुपए का सरकार को चूना लगाया गया है।
इस मामले में स्थानीय निकाय विभाग के डायरैक्टर भूपिंदर सिंह ने कहा कि वह व्यस्त होने के कारण अभी बात नहीं कर सकते। इस बारे बात करने पर प्रोजेक्ट्स में पार्टनर रिंकू ने माना कि उन्होंने पूरे प्रोजैक्ट की जगह अलग-अलग शोरूम के नक्शे पास करवाए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने पर वह कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके बल्कि उन्होंने कंपनी के मुख्य प्रबंधक सुरेश पटियाल के साथ बात करने को कहा गया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया।
ग्राहकों को खुलेआम ठगा जा रहा :
जीरकपुर में यह अकेला ऐसा प्रोजेक्ट नहीं है, जहां पर नियमों को ताक पर रखकर काम किया जा रहा हो बल्कि ऐसे शहर में दर्जनों प्रोजेक्ट हैं, जहां नगर परिषद के अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा चल रहा है। इसे देखने वाला यहां कोई नहीं।
बिल्डरों की ओर से अधिकारियों की मिलीभगत के चलते नक्शे पास करवाकर ग्राहकों को ठगा जाता है, वहीं सरकार को भी चूना लगाया जाता है। इसमें फायदा या तो निर्माण करने वाले को मिलता है या इसकी मंजूरी देने वाले नगर निगम के अधिकारियों को।