ट्राइसिटी से हैं कलर्स पर शुरू हो रहे सीरियल ‘देवांशी’ के पिता, यहां पढिय़े उनके बारे में (PHOTOS)

Edited By Updated: 03 Oct, 2016 06:45 PM

devanshi father pankaj bhatia belonged tricity

कलर्स पर 3 अक्टूबर से एक नए सीरियल की शुरूआत हो रही है। सीरियल का नाम है देवांशी।  सोमवार से शुक्रवार तक शाम 7 बजे प्रसारित होने वाले इस सीरियल में एक नन्ही बच्ची ‘दवांशी’ का किरदार निभा रही हैं।  देवांशी का मतलब देवी का अंश। वैसे सीरियल के नाम से...

चंडीगढ़ :  कलर्स पर 3 अक्टूबर से एक नए सीरियल की शुरूआत हो रही है। सीरियल का नाम है देवांशी।  सोमवार से शुक्रवार तक शाम 7 बजे प्रसारित होने वाले इस सीरियल में एक नन्ही बच्ची ‘दवांशी’ का किरदार निभा रही हैं।  देवांशी का मतलब देवी का अंश। वैसे सीरियल के नाम से ही आप समझ गए होंगे कि यह एक धार्मिक सीरियल है। इस सीरियल में बच्ची के पिता का किरदार निभा रहे हैं पंचकूला के पंकज भाटिया। 

ऐसा रहा मु बई तक पहुंचने का सफर...
पंकज भाटिया पहले भी कई सीरियल में काम कर चुके हैं। आइए आपको बताते हैं इनके बारे में...। 
पंचकूला के पंकज भाटिया चंडीगढ़ के सैक्टर-26 खालसा कालेज से पास आऊट हैं। एक खास मुलाकात में पंकज ने बताया कि मेरा पहले से ही एक्टर बनना का सपना था। उन्होंने बताया कि जब मैं तीसरी क्लास में पढ़ता था तब मैने एक फैन्सी ड्रेस कंपीटिशन में भाग लिया था। उसी दौरान एक्टर बनने का सपना मेरे मन में आया। लेकिन एक्टर कैसे बनना है, यह नहीं पता था। साल 2000 में मैं ग्रैजुएशन के बाद सी.ए. कर रहा था। 21 साल की उम्र में मैंने ‘ग्रासिम मिस्टर इंडिया’ में भाग लिया। उसके बाद मुझे लगा की पढ़ाई अपने बस की नहीं है तो मैं मु बई जाने की सोचने लगा। लेकिन घरवालों के पास इतना खर्चा नहीं था कि मुझे मु बई भेज सकें। उसके बाद मैने चंडीगढ़ में 2-3 साल जॉब की। बाद मैं दिल्ली जॉब करने चला गया,। उसके बाद बॉ बे भी जॉब के लिए आया। यहां आकर नाइट शि ट में जॉब और शाम को थिएटर करता था और दिन में सोता था। उस समय मेरी सैलरी दस हजार थी। मैंने पहले ही सोच लिया था कि 2 साल के भीतर मुझे कुछ न कुछ करना है। जिसके सहारे मैं आगे बढ़ सकूं।

 मैं थोड़ा जिद्दी हूं.. 
जब मैं मु बई आया तो पहले ही सोच लिया था कि मेरे पास 2 साल का समय है। इसी में कुछ न कुछ करना है, नहीं तो वापस चला जाऊंगा। 2 साल पूरे होने से 7-8 महीने पहले मैने जॉब छोड़ थी। सभी ने मना किया कि जॉब मत छोड़ो। इतनी अच्छी जॉब है लेकिन मैं जो सोच लेता हूं, वही करता हूँ। यूं कहें कि मैं थोड़ा जिद्दी हूं। मुझे पता था कि मेरे पास कुछ टाइम के लिए अपना खर्च निकालने के पैसे हैं। फिर मैं ज्यादा टाइम थियेटर को देने लगा। जॉब छोडऩे के 15 दिन बाद मुझे एक ऐड करने का ऑफर आया, जो ब्लू स्टार का था। इसके लिए मुझे 12 हजार रुपए एक दिन के मिले। तो ऐसे ही मेरी शुरुआत हुई। उसके बाद भी ऐसा टाइम आया कि मुझे एक साल तक कोई काम नहीं मिला। घर वालों ने कहा, जॉब कर ले। लेकिन मेरी किस्मत थी कि एक बुरा समय बीत जाने के बाद फिर अच्छा टाइम आया। पंकज भाटिया ने यह भी कहा कि मेहनत करोगे तो कभी बेकार नहीं जाती। कुछ समय बुरा भी आता है लेकिन हमें हि मत नहीं हारनी चाहिए। 

किस्मत से ज्यादा मेहनत...
जब उनसे पूछा गया कि आप किस्मत और मेहनत में से किसे ज्यादा रैंकिंग देना चाहते हो? तब उन्होंने बड़ा अच्छा उदाहरण दिया कि सचिन तेंदुलकर कई बार 99 रन पर आउट हुए हैं तो मैं मानता हूं कि जो 100 रन बनाने के लिए एक रन से रह गए। वह उनकी किस्मत थी और उन्होंने 99 रन बनाए, वह उनकी मेहनत थी।  

नैशनल लेवल के खिलाड़ी भी हैं पंकज...
उनसे क्रिकेट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हां मैने क्रिकेट भी खेला है। बचपन से लेकर कॉलेज टाइम तक मैने दोस्तों के साथ बहुत क्रिकेट खेला है। लेकिन मैं बैडमिंटन का खिलाड़ी रह चुका हूं। मैंने नैशनल लेवल तक बैडमिंटन खेला है।

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!