एक्साइज पॉलिसी : 10 से 15 प्रतिशत बढ़ेंगे शराब के रेट

Edited By Priyanka rana,Updated: 07 Mar, 2020 09:45 AM

excise policy

चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को वर्ष 2020-21 की एक्साइज पॉलिसी जारी कर दी, जिसमें इंडियन मेड फॉरेन लिकर पर हाई एंड ब्रांड्स को छोड़कर एक्साइज ड्यूटी 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला लिया है।

चंडीगढ़(राजिंद्र) : चंडीगढ़ प्रशासन ने शुक्रवार को वर्ष 2020-21 की एक्साइज पॉलिसी जारी कर दी, जिसमें इंडियन मेड फॉरेन लिकर पर हाई एंड ब्रांड्स को छोड़कर एक्साइज ड्यूटी 10 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला लिया है। 

साथ ही काऊ सैस भी लगाया जा रहा है, जिससे लिकर के रेट 10 से 15 प्रतिशत बढऩे तय हैं। साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए फाइव स्टार और उससे ऊपर दर्जे के होटल राऊंड द क्लॉक लिकर सर्व करने की अनुमति दी गई है। इनकी लाइसैंस फीस 12 लाख से बढ़ाकर 15 लाख रुपए करने का फैसला लिया गया है। इनके रूम्स में मिनी बार की परमिशन भी होगी। 

कंट्री मेड लिकर पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला नहीं लिया गया है। इस बार प्रशासन ने ठेकों की संख्या भी बढ़ाकर 92 से 95 कर दी है। नई एक्साइज पॉलिसी 1 अप्रैल से लागू होगी। ठेकों की अलॉटमैंट के बाद ही सही रेट निर्धारित होंगे, जिनकी मार्च के अंतिम समाप्त में अलॉटमैंट की जाएगी। 

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने शुक्रवार को इस पॉलिसी को अप्रूवल दी। इससे पहले सलाहकार, एक्साइज एंड टैक्सेशन सैके्रटरी, कमिश्नर और अन्य अधिकारियों ने प्रशासक को विस्तार से इस पॉलिसी के बारे में जानकारी दी। 

एक व्यक्ति या लिकर वैंडर को 10 ठेकों की अलॉटमैंट का ही अधिकार होगा :
पिछले साल जहां रैवेन्यू 617 करोड़ था, वहीं इस साल 10 प्रतिशत बढ़ौत्तरी के साथ इसे 680 करोड़ रुपए दर्शाया गया है। प्रशासन ने एकाधिकार की प्रैक्टिस को रोकने के लिए इस बार तय किया है कि एक व्यक्ति या लिकर वैंडर को 10 ठेकों की अलॉटमैंट का ही अधिकार होगा। 

इसके साथ ही कम अल्कोहलिक ड्रिंक्स जैसे बीयर, वाइन आदि को प्रोमोट करने और इंडियन वाइन इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए लाइसैंस फीस को बढ़ाया नहीं गया है और इसे पूरे साल के लिए 12 हजार रुपए ही तय किया गया है। 

एल-2डी लाइसैंस फीस 2 लाख रुपए ही रखी :
वाइन की लैवल  रजिस्ट्रेशन फीस को 10 हजार प्रति ब्रांड से घटाकर 7500 प्रति ब्रांड कर दिया है। साथ ही सॉफ्ट लिकर को बढ़ावा देने के लिए इसकी एक्साइज ड्यूटी को भी रुपए 30 पी.बी.एल. ही रखा गया है, ताकि लोगों को हार्ड से सॉफ्ट लिकर में शिफ्ट किया जा सके। इसके अलावा पिछले साल के मुकाबले इसके लिए लाइसैंस फीस को भी बढ़ाया नहीं गया है। 

रैस्टोरैंट्स, पब्स और बार के लिए भी पिछले साल के मुकाबले रेट में बदलाव नहीं किया गया है। जी.एस.टी. एक्ट के अंडर रजिस्टर्ड शॉप्स को इम्पोर्टेड वाइन, इंडियन वाइन और इम्पोर्टेड बीयर के लिए तय लाइसैंस एल-2डी के तहत लाइसैंस फीस 2 लाख रुपए ही रखी गई है। प्रशासन ने दावा किया है कि नई एक्साइज पॉलिसी सिटीजन, कंज्यूमर्स, मैन्यूफैक्चरर्स, होलसेल्स और गवर्नमैंट की आकांक्षाओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।

डिपार्टमैंटल स्टोर की लाइसैंस फीस और कोटा में नहीं किया बदलाव :
प्रशासन ने डिपार्टमैंटल स्टोर पर लिकर की सेल को प्रोमोट करने के लिए इसकी लाइसैंस फीस में कोई बदलाव नहीं किया गया है, जो पहले की तरह ही 20 लाख रुपए तय है। वहीं, इसका कोटा भी 3 हजार पी.एल. ही रखा गया है। इंडियन मेड फॉरेन लिकर के लिए बेसिक कोटा पिछली बार की तरह 100 लाख पी.एल. ही रखा गया है। 

वहीं, कंट्री मेड लिकर के लिए कोटे को 8 लाख पी.एल. रखा गया है, जिसकी 10 प्रतिशत इंडियन मेड फॉरेन लिकर में कन्र्वजन हो सकेगी। प्रशासन ने फॉरेन लिकर बायो ब्रेंड व्हिस्की के लिए कोटा को चार लाख पी.एल. से घटाकर 3.30 लाख पी.एल. कर दिया है, जिसकी आई.एम.एफ.एल. में 10 प्रतिशत तक कन्वर्जन हो सकेगी। इसी तरह कंट्री लिकर की सिटी शॉप्स में कम डिमांड के चलते इसके कोटे व इंडियन फॉरेन लिकर की गांव शॉप्स पर कम डिमांड होने के चलते कोटे को रेशनेलाइज्ड कर दिया है। 

ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे परमिट पास :
ठेकों की अलॉटमैंट में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टैंडरिंग के जरिए इनकी अलॉटमैंट करने का फैसला लिया है और परमिट और पास भी ऑनलाइन ही जारी किए जाएंगे। 

लिकर सर्व करने वाले सभी रैस्टोरैंट्स और बार के लिए अल्कोहल मीटर लगाने अनिवार्य होंगे, ताकि लोग शराब का सेवन करने के दौरान अल्कोहल लैवल का असेस्मैंट कर सकें। स्वच्छ भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए सभी लाइसैंसी को निर्देश दिए गए हैं कि वह अपनी शॉप्स के पास सफाई व्यवस्था बनाकर रखें। ऐसा न करने पर विभाग द्वारा पैनल्टी लगाई जाएगी। 

काऊ सैस लगने से बढ़ेंगे रेट :
प्रशासन ने काऊ सैस भी लगा दिया है, जो 1 अप्रैल, 2020 से लागू होगा। ये सैस कंट्री लिकर की 750 एम.एल. बोटल पर 5 रुपए, बीयर की 650 एम.एल. बोटल पर 5 रुपए, व्हिस्की की 750 एम.एल. बोटल पर 10 रुपए लगेगा, जिससे पहले के मुकाबले लिकर के रेट में इजाफा होगा। इसे लाइसैंसी द्वारा नगर निगम के बैंक अकाऊंट में डिपॉजिट करवाया जाएगा। इस सैस से करीब 18 करोड़ रुपए राजस्व मिलने की उम्मीद है। 

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