चंडीगढ़ में मलेरिया और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों को एक खास किस्म की मछली से काबू किया जाएगा।
चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ में मलेरिया और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियां फैलाने वाले मच्छरों को एक खास किस्म की मछली से काबू किया जाएगा। चंडीगढ़ वन विभाग और मत्स्य विभाग ने सयुंक्त तौर पर मलेरिया, डेंगू जैसे मच्छरों से होने वाली बीमारियों से लडऩे के लिए यह कदम उठाया है।
शुक्रवार को बोटैनिकल गार्डन, धनास, रोज गार्डन सैक्टर-16 में गम्बूजिया मछली को पानी में छोड़ा। विभाग की ओर से शीघ्र ही अन्य जलाशयों में ये मछली छोड़ी जाएंगी। पशुपालन एवं मत्स्य पालन यू.टी. चंडीगढ़ के निर्देशक तेजदीप सिंह सैनी ने कहा कि जल निकायों में छोड़ी गई गम्बूजिया मछली का उत्पादन यू.टी. के यहां सुखना झील के रैगुलेटर एंड में फिश सीड फार्म में किया जा रहा है। मत्स्य विभाग मार्च में इस मछली का प्रजनन करता है और फिर आवश्यकता के अनुसार दिसम्बर तक इसे जारी करता है।
8 घंटे में 150 मच्छरों का लारवा खा सकती है यह मछली :
उन्होंने यह भी बताया कि एक वयस्क मछली 8 घंटे की अवधि में 150 मच्छरों का लारवा तक खा सकती है। उत्तरी क्षेत्र में यह फिश सीड फार्म एकमात्र प्रजनन केंद्र है जो मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए स्थिर जल निकायों में छोड़े के लिए दुर्लभ मछलियों को कई अन्य एजैंसियों को आपूर्ति करता है। पशुपालन और मत्स्य पालन के संयुक्त निदेशक डा. कंवरजीत सिंह ने अवगत कराया कि गम्बूजिया एक भयानक भूख वाली मछली है।
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