3 आई.ए.एस. अधिकारियों की एक्सटैंशन को लेकर पी.एम.ओ. की बैठक पर लगी निगाहें

Edited By Ajay Chandigarh,Updated: 28 Jul, 2022 09:04 PM

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हरियाणा के प्रशासनिक गलियारों की निगाहें 3 आई.ए.एस. अधिकारियों की एक्सटैंशन पर लगी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार एक्सटैंशन की बाट जोह रहे अधिकारियों ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है, क्योंकि केंद्र में इस विषय को लेकर मंथन चल रहा है। इन अधिकारियों की...

चंडीगढ़,(दीपक बंसल): हरियाणा के प्रशासनिक गलियारों की निगाहें 3 आई.ए.एस. अधिकारियों की एक्सटैंशन पर लगी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार एक्सटैंशन की बाट जोह रहे अधिकारियों ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है, क्योंकि केंद्र में इस विषय को लेकर मंथन चल रहा है। इन अधिकारियों की निगाहें पी.एम.ओ. की बैठक पर टिकी हैं, क्योंकि उन्हें उम्मीद है कि 2 वर्ष की एक्सटैंशन के प्रस्ताव में कुछ कटौती होकर एक्सटैंशन मिल सकती है। हालांकि केंद्र में कुछ अधिकारी एक्सटैंशन के हक में नहीं हैं, क्योंकि उनका तर्क है कि एक राज्य के अधिकारियों को अगर एक्सटैंशन दी गई तो फिर अन्य राज्यों से भी ऐसे प्रस्ताव आने शुरू हो जाएंगे। दूसरी ओर, ऐसी चर्चाएं हंै कि हरियाणा सरकार द्वारा पी.के. दास, देवेंद्र सिंह और राजीव अरोड़ा को 2 वर्ष की एक्सटैंशन के प्रस्ताव पर केंद्र के एक मंत्रालय की स्वीकृति की मोहर लग चुकी है, जिसमें 2 की बजाय एक वर्ष का समय कर दिया गया है और अब सिर्फ पी.एम.ओ. की बैठक में फैसला होना शेष है।

 

 

अधिकारियों की सेवानिवृत्ति पर आई.ए.एस. एसोसिएशन द्वारा दी जाने वाली फेयरवैल पार्टी भी कुछ कारणों का हवाला देते अगले सप्ताह पर टाल दी गई है। फेयरवैल पार्टी को आगे टलने के बाद चर्चाएं शुरू हुई हैं कि शायद इन अधिकारियों को 1 वर्ष की एक्सटैंशन मिल जाए। 
अगर इन अधिकारियों को एक्सटैंशन नहीं मिलती है तो प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रशासनिक फेरबदल भी होगा। कई जिलों के उपायुक्त, प्रशासनिक सचिवों के अलावा विभिन्न विभागों के मुखिया बदले जाएंगे। 
 

 

केंद्र सरकार मुख्य सचिव को दे सकती है अधिकतम 6 माह तक एक्सटैंशन 
तीनों आई.ए.एस. की संभावित एक्सटैंशन के संबंध में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति लाभ) नियमावली, 1958 के नियम क्रमांक 16 (1) के अनुसार अगर राज्य सरकार केंद्र को प्रदेश के मुख्य सचिव की एक्सटैंशन के लिए अपनी ठोस सिफारिश भेजे तो केंद्र सरकार अधिकतम 6 माह तक उसे एक्सटैंशन की स्वीकृति दे सकती है। वहीं मुख्य सचिव के अलावा अगर कोई अन्य आई.ए.एस. अधिकारी अपनी रिटायरमैंट के नजदीक बजट कार्य में संलग्न है या वह ऐसी किसी कमेटी का फुल टाइम सदस्य है, जिसका कार्यकाल कुछ ही समय में समाप्त होने वाला है तो केंद्र सरकार की स्वीकृति के साथ उस आई.ए.एस. अधिकारी को 3 माह तक की एक्सटैंशन दी जा सकती है। उन्होंने बताया कि हाल ही में हाईकोर्ट ने प्रदेश में हुड्डा सरकार के दौरान नियुक्त हुए पुलिस इंस्पैक्टर्स की भर्ती की जांच के लिए राज्य के गृह सचिव की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी बनाने और 4 माह में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है तो इस आधार पर राजीव अरोड़ा को एक्सटैंशन मिल सकता था, बशर्ते हाईकोर्ट द्वारा आदेश में गृह सचिव का पदनाम न लिखकर राजीव अरोड़ा को उनके नाम से कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाता। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में राजीव अरोड़ा द्वारा उन्हें पंचकूला की सी.बी.आई. कोर्ट द्वारा हुड्डा सरकार के दौरान हुए कथित मानेसर भूमि घोटाले में अभियुक्त के तौर पर सम्मन करने विरुद्ध याचिकाएं भी लंबित हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने उन्हें दिसम्बर, 2020 से अंतरिम राहत प्रदान कर रखी है एवं इस मामले की अगली सुनवाई 16 अगस्त को निर्धारित है। 
 

 

केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ही सक्षम 
हेमंत ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था के अनुसार अखिल भारतीय सेवाओं जैसे आई.ए.एस./ आई.पी.एस. / आई.एफ.एस.  अधिकारियों को उनकी रिटायरमैंट अर्थात 60 वर्ष की आयु के बाद सेवा में एक्सटैंशन (सेवा विस्तार) देने की शक्ति केवल केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति संबंधी समिति के पास होती है, जिसमें मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शामिल हैं। अखिल भारतीय सेवाएं (मृत्यु एवं सेवानिवृत्ति लाभ) नियमावली, 1958 के नियम क्रमांक 16 (1) में उपरोक्त समिति द्वारा छूट देकर ऐसे अधिकारियों की सेवानिवृत्त के बाद एक्सटैंशन दी जा सकती है परंतु ऐसा केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाता है। गत वर्ष जुलाई, 2021 में गुजरात कैडर के आई.पी.एस. अधिकारी राकेश अस्थाना को रिटायरमैंट से कुछ दिन पूर्व ही एक वर्ष की एक्सटैंशन देकर दिल्ली का पुलिस कमिश्नर तैनात किया गया था, तब उपरोक्त कमेटी ने उक्त 1958 नियमों में छूट दी थी। अब हरियाणा के तीनों आई.ए.एस. अधिकारियों को उपरोक्त समिति द्वारा तत्काल या फिर सेवा में एक्सटैंशन नहीं प्राप्त होती तो हरियाणा सरकार उन्हें अधिकतम 3 माह तक पद पर कायम रख सकती है। विगत कुछ वर्षों से हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश कैडर के कई आई.ए.एस. अधिकारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद 3 माह तक री-एम्प्लॉयमैंट (पुनॢनयुक्ति) प्रदान कर उन्हें उसी पद पर तैनात रहने दिया जाता है, जिस पर वह अपनी रिटायरमैंट के समय तैनात होते हैं। वर्ष 2019 में जब 2002 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी समीर पाल सरो, जो 31 अगस्त 2019 को रिटायर होने वाले थे, उन्हें राज्य सरकार ने कुछ दिन पूर्व 3 महीने अर्थात 30 नवम्बर, 2019 तक पुनॢनयुक्ति प्रदान कर उसी पद पर तैनात रखा। इससे पूर्व सितम्बर, 2018 को रिटायर होने वाले 1985 बैच के आई.ए.एस. अधिकारी पी.के. महापात्रा को भी 3 माह अर्थात 31 दिसम्बर, 2018 तक पुनॢनयुक्ति प्रदान की गई थी। 
 

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