मेयर चुनाव आज, फाइट भाजपा V/S  भाजपा!

Edited By bhavita joshi,Updated: 18 Jan, 2019 08:54 AM

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शहर को आज नया मेयर मिल जाएगा।

चंडीगढ़(राय): शहर को आज नया मेयर मिल जाएगा। इस बार मेयर चुनाव भाजपा पार्षद राजेश कालिया बनाम भाजपा से बागी हो चुके पार्षद सतीश कैंथ रहने वाला है। देखना दिलचस्प रहेगा कि किसके सिर पर मेयर का ताज सजेगा। बहुमत वाली पार्टी भाजपा और अकाली को मिलाकर कुल 21 मत हैं। इनमें से कुछ पार्षद बागी उम्मीदवार सतीश कैंथ को मेयर बनाने के लिए अपनी वोटें क्रॉस कर सकते हैं। हालांकि भाजपा कह रही है कि भाजपा के सभी पार्षद एकजुट हैं और मेयर राजेश कालिया ही बनेंगे लेकिन यह सब आज शाम तक ही साफ हो पाएगा। 

गौर हो कि अगर कुछ पार्षद सतीश कैंथ के फेवर में वोटें क्रॉस करते हैं और कांग्रेस पार्टी के सदन में 4 पार्षद हैं अगर कांग्रेस भी कैंथ के पक्ष में मतदान कर दे तो सतीश कैंथ को जितने योग्य वोट मिल जाएंगे। इसके अलावा निर्दलीय पार्षद दलीप शर्मा पहले ही सतीश कैंथ को समर्थन दे चुके हैं। इसके अलावा सांसद की भी एक वोट होता है जो इससे अलग है। यदि पूरा गणित बागी प्रत्याशी के पक्ष में फिट बैठता है तो राजेश कालिया को अपनी सीट गंवानी पड़ सकती है।

मैं चुनाव जीत रहा हूं, नामांकन वापस नहीं लूंगा: कैंथ 
कैंथ ने कहा कि वे मेयर पद का चुनाव जीत रहे हैं इसलिए किसी भी हालत में नामांकन वापस नहीं लेंगे। भाजपा द्वारा वीरवार देर रात तक बागी हो चुके सतीश कैंथ को मनाने का सिलसिला चलता रहा लेकिन सतीश कैंथ अपनी बात पर अड़े रहे। सूत्रों अनुसार मेयर चुनाव आज दोपहर 3 बजे शुरू होने हैं। ऐसे में पहली वोट पडऩे से पहले सतीश कैंथ अपना नाम मेयर उम्मीदवार से वापस ले सकते हैं। वहीं जानकारी के अनुसार भाजपा के कई आला नेता सतीश कैंथ के संपर्क में हैं और उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे में अगर सतीश कैंथ अपना नाम वापस लेते हैं तो राजेश कालिया का जीतना तय है नहीं तो मेयर चुनाव के गणित बिगड़ सकता है।

फर्मिला ने कहा-पार्टी के साथ हूं, भावुक हो गई थी 
भाजपा पार्षद फर्मिला देवी ने लिखित बयान जारी करते हुए कहा कि वे पार्टी के पूर्णत: समॢपत कार्यकत्र्ता है और पार्टी के खिलाफ कोई काम करने के बारे मे सोच भी नहीं सकती। उन्होंने कहा कि भावावेश में उन्होंने पार्टी के बगावती नेता सतीश कैंथ के नामांकन पर अपने हस्ताक्षर कर दिए थे। लेकिन उनका वोट भारतीय जनता पार्टी के मेयर प्रत्याशी राजेश कालिया के पक्ष में ही जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा लिए गए निर्णय का वे सम्मान करती हैं। वे सदैव भारतीय जनता पार्टी के प्रति समॢपत थी और भविष्य में भी रहेंगी।

पहले नहीं पता था, गलती हुई, हमें सीख लेनी चाहिए : बंसल
पत्रकारों ने जब पवन बंसल से पूछा कि हलफनामे में गलत जानकारी देने के बारे में क्या पार्टी को पहले नहीं पता था? अगर पहले यह गलती पकड़ ली जाती तो इस तरह के हालात नहीं होते? इस पर उनका उन्होंने जवाब दिया कि मैं मानता हूं कि हमसे गलती हुई हैं, हमें सीख लेनी चाहिए। वह यह कहने से नहीं चूके कि भाजपा अपने बहुमत का नाजायज फायदा उठा रही है, पढ़े-लिखे शहर के साथ बेअदबी कर रही है, सत्ता के नशे में मेयर को थोप रही है, शहर को कलंकित किया है। अपराध, अहंकार और भ्रष्टाचार का दूसरा नाम भाजपा है, यह यह बी.जे.पी. का डी.एन.ए. दर्शाता है। शहर की जनता की भावनाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। वहीं, बंसल ने कहा कि राजनीति में बहुत संभावनाएं होती है।

भाजपा ने जिसे चुना उससे शहर की जनता सन्न : छाबड़ा
कांग्रस प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि यह किसी व्यक्ति विशेष के संबंधित नहीं हैं, लेकिन भाजपा की ओर से जिसे मेयर चुना है, उससे शहर की जनता सन्न है। उपयुक्त उम्मीदवार के होते हुए भी इस तरह के उम्मीदवार को उतारना कहा तक सही है? यह मसला गंभीर है, इससे शहर की साख भी दाव पर लग गई है, भाजपा की सत्ता की भूख और आपसी लड़ाई ने नया रूप ले लिया है।

भाजपा की बुलाई बैठक में नहीं पहुंचे कैंथ 
भारतीय जनता पार्टी चंडीगढ़ के सभी पार्षदों की बैठक पार्टी वीरवार को कार्यालय कमलम में हुई। बैठक की अध्यक्षता संगठन महामंत्री दिनेश कुमार ने की। बैठक में स्थानीय सांसद किरण खेर भी विशेष रूप से उपस्थित हुई। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष संजय टंडन अस्वस्थ चलते हुए इस बैठक में भाग नहीं ले सके। उक्त जानकारी देते हुए प्रदेश महासचिव चंद्रशेखर ने बताया कि बैठक में संगठन महामंत्री दिनेश कुमार ने उपस्थित सभी पार्षदों के साथ कल होने वाले मेयर के चुनाव को लेकर चर्चा की। दिनेश कुमार और सांसद किरण खेर ने कहा कि नगर निगम के मेयर भाजपा प्रत्याशी राजेश कालिया पूर्ण बहुमत से जीतेंगे। पार्टी के सभी पार्षद एक साथ है पार्षदों में किसी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। नगर निगम के सभी पदों पर जीत भाजपा की ही होगी। वहीं इस बैठक में बागी हो चुके पार्षद सतीश कैंथ को भी बुलाया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचे।

भाजपा की गुटबाजी पर है कांग्रेस की नजर
वहीं कांग्रेस पार्टी भी भाजपा की चल रही गुटबाजी पर नजर बनाए बैठी है। कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है। अगर भाजपा का बागी पार्षद मेयर पद जीत हासिल कर लेता है तो उनकी फूट का लाभ कांग्रेस को होना तय है। वैसे भी राजनीति का नियम है कि कुछ खोकर भी यदि सत्तारूढ़ दल को क्षति पहुंचाई जा सके तो यह भी एक उपलब्धि ही कही जाती है। इसलिए इस बात में कोई दो राय नहीं कि मेयर चुनाव में जीत की चाबी कांग्रेस के पास है।

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