‘न्यूक्लियर पावर सैक्टर में विश्व के अग्रणी देशों में शुमार है भारत’

Edited By Priyanka rana,Updated: 27 Sep, 2019 10:25 AM

nuclear power sector

पंजाब यूनिवर्सिटी के कैमिस्ट्री डिपार्टमैंट में प्राण नाथ वोहरा ओरेशन एंड अवॉर्ड सैरेमनी का आयोजन किया गया।

चंडीगढ़(रश्मि) : पंजाब यूनिवर्सिटी के कैमिस्ट्री डिपार्टमैंट में प्राण नाथ वोहरा ओरेशन एंड अवॉर्ड सैरेमनी का आयोजन किया गया। इस दौरान पद्मभूषण अवार्डी भाभा अटॉमिक रिसर्च सैंटर के डी.ए.ई. होमी भाभा चेयर प्रो. राजगोपाला चिंदबरम मौजूद रहे। 

उन्होंने कहा कि भारत न्यूक्लियर पावर में अग्रणी देश है। पूरी दुनिया में 57 नए न्यूक्लियर रिएक्टर बनाए जा रहे हैं जिसमें 7 भारत में हैं। वहीं चाइना में 19 हैं। इसके अलावा जापान ने भी पुराने रिएक्टर दोबारा लाना शुरू किया है। 

गौरतलब है कि कई नए देश टर्की, बांग्लादेश आदि अब पहली बार न्यूक्लियर को शुरू करने में आगे आ रहे हैं। सुरक्षा और रिलएबिल्टी एक साथ चलते हैं। जो न्यूक्लियर रिलएबिल्टी के साथ चल रहे हैं वह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के कई क्षेत्रों में भारत आगे है।

नॉन फॉसिल फ्यूल से न्यूकिलर को आगे बढ़ाना है :
न्यूक्लियर के क्षेत्र में नॉन-फॉसिल फ्यूल को आगे बढ़ाना है। ग्रीन हाऊसिंस गैसेस से जो ग्लोबल वार्मिंग हो रही है उसे रोकना है। अभी यह एक डिग्री तक पहुंच गई है, लेकिन इसे दो डिग्री से कम रखना है। कुछ लोग चाहते हैं डेढ़ डिग्री से ज्यादा नहीं जाना चाहिए। न्यूक्लियर फ्रैंडली है। इसमें कोई कार्बन एमिशिएन नहीं होता है। न्यूक्लियर से रिन्यूएबल, न्यूक्लियर एनर्जी, कार्बन कैप्चर एंड स्टोरेज के क्षेत्र में काम होता है।

अडल्ट नहीं, फीमेल लिटै्रसी पर दिया जाए ध्यान :
प्रो. चिंदबरम ने कहा कि ह्यूमन डिवैल्पमैंट इंडैक्स के तीन पैरामीटर हैं, जिनमें लाइफ एक्सपैंटसी, अडल्ट लिट्रैसी व प्रति कैपिटा ग्रास आय, लेकिन मेरा मानना है कि अडल्ट लिट्रैसी के बजाए फीमेल लिट्रैसी रखनी चाहिए। जहां भी लड़कियां कम पढ़ी लिखी है, वहां  न्याय नहीं है और जहां लड़कियां पढ़ी लिखी होती हैं, वहां बर्थ रेट कम होता है। 

साक्षरता सभी के लिए बराबर होनी चाहिए। जिस तरह से प्रति कैपिटा ग्रास आय बढऩी चाहिए। उसी तरह से प्रति कैपिटा बिजली उत्पादन क्षमता 6 से 8 गुना ज्यादा होना चाहिए। हर तरह की क्षमताओं का इसमें प्रयोग किया जा सकता है। डिफैंस और सिक्योरिटी के क्षेत्र में अकेले चलने से काम नहीं चलेगा। साइंटिफिक पोटैंशियल को ओर बढ़ाने के लिए इंटर-इंस्टीट्यूट कोलाब्रेशन पर भी ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!