फीका पड़ा पटाखों का कारोबार, व्यापारी मायूस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Oct, 2017 01:52 AM

only 56 shopkeepers will get license to sell firecrackers

फैस्टीवल सीजन से हर बार मोटी कमाई की उम्मीद लगाने वाले पटाखा बाजार को इस बार पर्यावरण को लेकर सख्त हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश ने फीका कर दिया है।

चंडीगढ़, (नीरज): फैस्टीवल सीजन से हर बार मोटी कमाई की उम्मीद लगाने वाले पटाखा बाजार को इस बार पर्यावरण को लेकर सख्त हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश ने फीका कर दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद इस बार शहर में मात्र 56 कारोबारियों को पटाखे बेचने के अस्थाई लाइसैंस दिए जाएंगे। इसके लिए भी ड्रॉ निकाला जाएगा। ऐसे में अबकी बार किसको शहर में पटाखे बेचने की परमीशन मिलेगी, यह 16 अक्तूबर की शाम को पता लगेगा। इससे पटाखा कारोबारियों में भारी निराशा है। कइयों के पैसे डूबने की नौबत आ गई है और 224 कारोबारियों को इस बार पटाखे बेचने के परमीशन न मिलने से करोड़ों रुपए का नुक्सान तय है। उधर, पटाखों के लिए मशहूर कुराली के थोक बाजार में भी मायूसी का आलम छा गया है।

पिछली बार थे 280 लाइसैंस

चंडीगढ़ प्रशासन ने पिछले साल शहर में फैस्टीवल सीजन के दौरान पटाखे बेचने के लिए 280 कारोबारियों को अस्थाई लाइसैंस जारी किए थे। इस बार 361 लोगों ने पटाखे बेचने के लिए लाइसैंस को आवेदन किया है। प्रशासन ने कल तक इनको अस्थाई लाइसैंस देने की तैयारी कर ली थी और शहर में पटाखा स्टॉल्स के लिए 17 साइट्स भी तय कर दी थीं लेकिन वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने न केवल पटाखे चलाने की समय सीमा तय कर दी, बल्कि पटाखे बेचने के लिए अस्थाई लाइसैंसों की संख्या भी सीमित कर दी। हाईकोर्ट ने कहा है कि पटाखे केवल दीवाली के दिन शाम 6.30 से 9.30 बजे तक चलाए जा सकेंगे। इसके अलावा पिछले साल जारी कुल अस्थाई लाइसैंस में से केवल 20 फीसदी को इस बार पटाखे बेचने की परमीशन दी जाए। इस लिहाज से पिछले साल के 280 लाइसैंसियों के मुकाबले इस बार केवल 56 कारोबारियों को अस्थाई लाइसैंस जारी किए जाएंगे।

ड्रॉ के जरिए मिलेंगे लाइसैंस

पटाखा बिक्री के लिए अस्थाई लाइसैंस जारी करने को प्रशासन पहली बार ड्रॉ सिस्टम अपनाएगा। यानी कुल आवेदक 361 में से मात्र 56 आवेदकों के नाम ड्रॉ के जरिए निकाले जाएंगे। ड्रॉ की प्रक्रिया सोमवार को डी.सी. ऑफिस में शाम 3 बजे से 5 बजे तक पूरी की जाएगी। पूरी ड्रॉ प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी होगी। ड्रॉ में सफल रहने वाले आवेदक ही प्रशासन की ओर से तय साइट्स पर पटाखे की अस्थाई स्टॉल लगा पाएंगे।

कारोबारियों को करोड़ों का नुक्सान: एसोसिएशन

शहर की मार्कीट्स में ही अपनी दुकानों के आगे पटाखे की स्टॉल लगाने की परमीशन के लिए पिछले करीब दो माह से संघर्ष कर रही चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन को हाईकोर्ट के आदेश से करारा झटका लगा है। चंडीगढ़ क्रैकर्स डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता और महासचिव चिराग अग्रवाल का कहना है कि अच्छा होता कि इस तरह का फैसला छह महीने पहले ही आ जाता या इस आदेश को अगले साल से लागू किया जाता। क्योंकि फैस्टीवल सीजन के एन टाइम पर आकर यह फैसला होने से पटाखा कारोबारियों की कमर ही टूट गई है। सभी 361 आवेदकों ने थोक कारोबारियों के पास करोड़ों रुपए का माल बुक करवा रखा था। कइयों ने लाखों रुपए का माल उठा भी लिया था लेकिन अब यह नहीं पता कि उनका नाम ड्रॉ में आ भी पाएगा या नहीं। जो कारोबारी ड्रॉ में असफल हो जाएंगे, उन्हें भारी वित्तीय नुक्सान उठाना पड़ेगा।

कुराली थोक बाजार में भी मायूसी

ट्राईसिटी (चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली) के पटाखा विक्रेता अधिकांश माल कुराली के मशहूर थोक पटाखा बाजार से खरीदते हैं, क्योंकि पटाखों की यह मंडी सबसे पास है। अब पटाखे चलाने की समय सीमा तय करने से ज्यादा पटाखे बेचने वालों की संख्या कम किए जाने को कुराली के कारोबारी अपने लिए बड़ा घाटा मान रहे हैं। कुराली स्थित पटाखों के थोक व्यापारी अशोक कुमार का कहना है कि यहां के थोक पटाखा बाजार का कारोबार मुख्यत: ट्राईसिटी पर निर्भर है। इस बार थोक बाजार की सेल में 60 फीसदी तक गिरावट आने की संभावना बन गई है।

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