इलाज करवाने में असमर्थ मरीजों को नर्स शोभना की टीम का सहारा, दर्जनभर मरीजों की कर चुकी मदद

Edited By Punjab Kesari,Updated: 11 Jun, 2018 11:45 AM

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लम्बी बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए सैक्टर-16 अस्पताल में तैनात नर्स शोभना पठानिया और उनकी टीम एक फरिशते जैसी है।

चंडीगढ़(संदीप) : लम्बी बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिए सैक्टर-16 अस्पताल में तैनात नर्स शोभना पठानिया और उनकी टीम एक फरिशते जैसी है। कुछ सालों के दौरान वे टीम के सहयोग से ऐसे करीब 12 मरीजों की मदद कर चुकी है जिनकी आर्थिक हालत खराब होने से उनका इलाज करवाना तक मुश्किल हो गया था। ऐसे में नर्सों की इस टीम ने ऐसे कई मरीजों की आर्थिक सहायता देकर उनका उपचार आसान बनाया है। मरीजों और उनके परिवार का कहना है की इस टीम ने हमारा साथ उस मुश्किल घड़ी में दिया है जिसे कभी भुलाया नही जा सकता है। 

नहीं भूल सकते टीम का अहसान :
धनास में रहने वाले बजरंगी को 2014 में सैक्टर-16 अस्पताल में उपचार करवाने के दौरान पता चला कि उसकी आंत में टीबी है। डाक्टरों ने लम्बे उपचार और पेट का आपरेशन के बारे में उसे बताया। 

अस्पताल में दाखिल होने के लिए बजरंगी और उसकी पत्नी की मुलाकात उसके इलाज मे लगी नर्स शोभना और उनकी टीम से हुई। बजरंगी ने बताया कि घर में वही कमाने वाला था और ऐसे में इलाज के खर्चे के चलते उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। 

इस पर नर्स शोभना और उसकी टीम ने बजरंगी के परिवार की मदद का जिम्मा उठाया और उन्हें मिलने वाली सभी तरह की सरकारी मदद का इंतजाम करवाया गया। बजरंगी की तिमारदारी में जुटी उसकी पत्नी और परिवार की मदद भी टीम ने करनी शुरू की। 

एक साल में बजरंगी के 3 आपरेशन हुए लेकिन शोभना व टीम के सहयोग से जैसे-तैसे बजरंगी इलाज पूरा करवाया पाया। हालांकि उपचार के लिए बजरंगी सुनने की क्षमता खो बैठा है लेकिन आज वह परिवार के साथ है। बजरंगी ने बताया की आज अगर वह परिवार के साथ है तो नर्स शोभना और टीम के सहयोग के चलते है। 

गरीब मरीजों की मदद के लिए मुहिम :
सैक्टर-16 अस्पताल में बतौर नर्स तैनात शोभना ने बताया कि उन्हें यहां काम करते हुए 28 साल बीत चुके हैं। इस दौरान उन्होंने देखा कि कैसे लम्बी बीमारी से ग्रस्त मरीजों के परिवार आर्थिक तौर से टूट जाते हैं। व ऐसे में इस स्थिति में ऐसे मरीजों की मदद करने से मरीज और परिवार का मनोबल मजबूत होता है। 

पिछले कुछ सालों ने उन्होनें ऐसे मरीजों की सहायता करने की एक मुहिम बना ली है वे और उनकी टीम में सामिल उनकी सहकर्मी अपने अपने वेतन में से हर माह कुछ पैसे निकाल एक एकत्र कर लेती है और फिर इस जमा किए गए पैसे से आर्थिक तौर से कमजोर मरीज और उसके परिवार की सहायता करती है। 

पैर व घुटने में था फ्रैक्चर :
सैक्टर-9 में सर्वेंट क्वाटर में रहने वाले नंद किशोर का मार्च में एक्सिटेंट हो गया था। इस हादसे में उनके बाएं पैर की हड्डी और घुटने में फ्रैक्चर आया था। इस कारण आपरेशन होना था पर परिवार के पास पैसे नहीं थे। नर्स शोभना और उनकी टीम को जब उनके पास पैसे न होने के बारे में पता चला तो उन्होनें पैसों बंदोबस्त कर नंद किशोर का आपरेशन करवाया। उसके पैर के इंपलांट को लेकर लाए जाने वाले सामान का खर्चा टीम ने ही उठाया था। 

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