पॉलीथिन के पाऊच में दूध की पैकिंग पर PMO सख्त, कड़ा एक्शन लेने के दिए निर्देश

Edited By Updated: 02 Nov, 2019 10:08 AM

pmo strict on packing milk in polyethylene pouches

प्रधानमंत्री कार्यालय ने यू.टी. के एडवाइजर मनोज परिदा समेत सभी राज्यों के चीफ सैक्रेटरियों को पत्र लिखकर दूध की पैकिंग पॉलिथीन पाऊच में करने को लेकर कड़ा एक्शन लेने को कहा है।

चंडीगढ़(साजन) : प्रधानमंत्री कार्यालय ने यू.टी. के एडवाइजर मनोज परिदा समेत सभी राज्यों के चीफ सैक्रेटरियों को पत्र लिखकर दूध की पैकिंग पॉलिथीन पाऊच में करने को लेकर कड़ा एक्शन लेने को कहा है। इस बाबत चंडीगढ़ की सैकेंड इनिंग एसोसिएशन ने पी.एम.ओ. को एक पत्र भेजा था। एसोसिएशन ने पत्र में कहा था कि पंजाब, हरियाणा में जो मिल्क प्लांट हैं, वहां दूध की पैकिंग प्लास्टिक के पाऊच में हो रही है, जिसे रोका जाना निहायत जरूरी है।

बढ़ रहा इस्तेमाल :
एसोसएशन ने पत्र में बताया गया कि चंडीगढ़ समेत तमाम आसपास के एरिया में दिल्ली की मदर डेयरी, वेरका, वीटा, अमूल व अन्य लोकल ब्रांड्स की ओर से दूध की सप्लाई की जाती है। इन सारे ब्रांडों की सप्लाई रोजाना पॉलिथीन की पैकिंग में होती है। 

हर दिन लाखों मिल्क पाऊच प्लास्टिक सॉलिड वेस्ट की मात्रा में इजाफा कर देते हैं जिसे री-साइकिल नहीं किया जा सकता। दिनों दिन यह इस्तेमाल बढ़ता ही जा रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर कंट्रोल लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का ये मिल्क प्लांट मुंह चिढ़ा रहे हैं। एक और तो सरकार ने प्लास्टिक कैरीबैग बैन कर जुर्माना शुरू कर दिया है लेकिन दूसरी और रोजाना सुबह-सुबह लाखों मिल्क पाऊच में हमें दूध परोसा जा रहा है। 

मिल्क प्लांटों को ही इन पाऊच को हैंडल करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए :
एसोसिएशन ने लिखा है कि ये मिल्क प्लांट गारबेज जेनरेटर हैं जो हमारे पर्यावरण को सीधा नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन मिल्क प्लांटों को ही इन पाऊच को हैंडल करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए। मिल्क प्लांटों को ऐसी स्कीम लानी चाहिए जिसमें ये मिल्क पाऊच वापस ले सकें अन्यथा पॉलिथीन पर रोक लगाने की मुहिम पूरी तरह फेल नजर आ रही है। 

मिल्क की सप्लाई ग्लास की बोतलों में की जानी चाहिए। जब तक कोई विकल्प तैयार न हो तब तक दूध को टैट्रा पैक में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। मदर डेयरी की तर्ज पर इस इलाके में भी मिल्क बूथों पर मिल्क वैंडिंग मशीनों की मार्फत दूध सप्लाई करना चाहिए। एनी टाइम मिल्क मशीन लगाकर (ए.टी.एम.) इसकी शुरुआत हो सकती है। 

एसोसिएशन ने लिखा है कि इस पर बोल्ड एक्शन लेने की जरूरत है। इस लैटर पर प्राइम मिनिस्टर आफिस (पी.एम.ओ.) ने कड़ा संज्ञान लिया है और यूटी के एडवाइजर सहित सभी राज्यों के चीफ सैक्रेटरीज को इसका तुरंत हल निकालने का आदेश दिया है। पी.एम.ओ. की ओर से जारी लैटर सैकेंड इनिंग एसोसिएशन को भी प्राप्त हुआ है।

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