Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Apr, 2018 11:00 AM
चंडीगढ़ की ग्रीनरी शहर के लिए किस कदर फायदेमंद साबित हो रही है यह शहर के पॉल्यूशन लेवल के आंकड़े बता रहे हैं।
चंडीगढ़(विजय) : चंडीगढ़ की ग्रीनरी शहर के लिए किस कदर फायदेमंद साबित हो रही है यह शहर के पॉल्यूशन लेवल के आंकड़े बता रहे हैं। हालांकि पिछले साल शहर का एयर पॉल्यूशन लेवल काफी अधिक बढ़ गया था लेकिन बावजूद इसके चंडीगढ़ प्रशासन का दावा है कि अगर शहर का ग्रीन कवर एरिया अधिक न होता तो वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ सकता था। चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने मंगलवार को ग्रीनिंग चंडीगढ़ एक्शन प्लान 2018-19 को रिलीज किया। इसमें शहर के एयर पॉल्यूशन लेवल को एक गंभीर विषय बताया है।
एक्शन प्लान में बताया गया है कि 1991 में शहर में 2,58,843 रजिस्टर्ड व्हीकल्स थे, जिनकी संख्या 2016 तक बढ़कर 10.9 लाख हो गई जो कि शहर के वायु प्रदूषण बढऩे का सबसे मुख्य कारण है। हालांकि पंजाब और हरियाणा की तुलना की जाए तो चंडीगढ़ में वायु प्रदूषण पड़ोसी राज्यों के मुकाबले कम है।
खासकर पी.एम.-10 और पी.एम.-2.5 परमिसेबल लीमिट से अधिक है। हालांकि चंडीगढ़ में इन दोनों ही पॉल्यूटेंट्स के कम होने की मुख्य वजह पिछले एक दशक में शहर के ग्रीन कवर एरिया में बढ़ौत्तरी को बताया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल चंडीगढ़ का पॉल्यूशन लेवल वेरी पुअर कैटेगरी तक पहुंच गया था।
बर्ड लवर्स के लिए गाइडबुक का अनावरण :
इस बुक में बर्ड्स लवर्स के पास इसके साथ-साथ सभी प्रकार की जानकारियां मिलेंगी। डिपार्टमैंट ने यह बुक चंडीगढ़ बड्र्स क्लब के सहयोग से बनाई है। जिसमें चंडीगढ़ में मिलने वाले सभी 391 प्रजातियों के पक्षियों की विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई गई है। इनमें डोमैस्टिक के साथ-साथ हर साल विदेशों से आने वाले माइग्रेटरी बड्र्स भी शामिल हैं। हरेक पक्षी की फोटो के साथ-साथ उससे संबंधित पूरी डिटेल इस बुक में मिलेगी।
2017 में आर.एस.पी. एम. लेवल
सैक्टर-17 101
इंडस्ट्रीयल एरिया 118
पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज 99
इमटेक-39 113
कैंबवाला 106
इस साल लगेंगे 2.43 लाख पौधे
डिपार्टमैंट पौधे
फॉरैस्ट 63000
हॉर्टीकल्चर, नगर निगम 40000
हॉर्टीकल्चर, प्रशासन 20000
फ्री और बेचे जाएंगे 1,20,000
यह एरिया होंगे कवर :
इस साल सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, रिजर्व फॉरैस्ट, रोड साइड और सैंट्रल वर्ज, पार्क, ग्रीन बेल्ट, कम्युनिटी लैंड, सरकारी दफ्तर, रैजीडैंशियल काम्पलैक्स, मार्कीट और अन्य ओपन स्पेस का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके अतिरिक्त डिपार्टमैंट ऑफ फॉरैस्ट एंड वाइल्ड लाइफ द्वारा तीन लाख बीज बोए जाएंगे। ये बीज वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी और रिजर्व फॉरैस्ट एरिया में बची खाली जमीन पर बीजे जाएंगे।
55000 पौधे अपनी छह नर्सरियों के माध्यम से एजुकेशनल इंस्टीच्यूट्स, मैडीकल इंस्टीच्यूट्स, आर.डब्ल्यू.ए., लोकल रैजीडैंट्स/फॉर्मर्स और एन.जी.ओ. को दिए जाएंगे। सुखना वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी, रिजर्व फॉरैस्ट एरिया और सिटी फॉरैस्ट एरिया में फलों वाले पौधे लगेंगे। जुलाई-अगस्त में वन महोत्सव पर स्कूल, कॉलेज, रैजीडैंशियल कॉलोनी, गांव, हॉस्पिटल और अन्य पब्लिक-प्राइवेट लैंड में प्लांटेशन ड्राइव चलाई जाएगी।