DGP से कहा-पहले अधिकारियों को शिनाख्त करवाने की ट्रेनिंग दिलवाओ

Edited By pooja verma,Updated: 14 Mar, 2019 11:19 AM

told dgp get trained to identify officials first

मोरनी के बहुचर्चित गैंगरेप मामले में एक आरोपी की व्हाट्सएप्प पर शिनाख्त करवाए जाने के मामले में हरियाणा के डी.जी.पी. को बुधवर को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश होकर सफाई देनी पड़ी। डी.जी.पी. से कोर्ट में पेश होने को कहा गया था।

चंडीगढ़ (रमेश): मोरनी के बहुचर्चित गैंगरेप मामले में एक आरोपी की व्हाट्सएप्प पर शिनाख्त करवाए जाने के मामले में हरियाणा के डी.जी.पी. को बुधवर को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पेश होकर सफाई देनी पड़ी। डी.जी.पी. से कोर्ट में पेश होने को कहा गया था। 

 

एक आरोपी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पुलिस की इन्वैस्टीगेशन पर सवाल उठाए थे कि केवल व्हाट्सएप्प में तस्वीर दिखाकर उसकी पीड़िता से शिनाख्त करवाकर आरोपी बना लिया गया, जबकि आमने-सामने पेश नहीं किया गया। 

 

बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान हरियाणा के डी.जी.पी. मनोज यादव ने हाईकोर्ट में पेश होकर पुलिस द्वारा गैंगरेप मामले की जांच में बरती गई लापरवाही के लिए माफी मांगी।'


लापरवाह पुलिस वालों पर विभागीय कार्रवाई की गई 
डी.जी.पी. ने कोर्ट को जानकारी दी कि जिन पुलिस अधिकारियों ने इस तरह की लापरवाही बरती थी, उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए थे और जांच के बाद उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर दी गई है। 

 

डी.जी.पी ने हाईकोर्ट को बताया कि मोरनी गैंगरेप मामले की दोबारा जांच के लिए स्पैशल इन्वैस्टीगेशन टीम (एस.आई.टी.) गठित कर दी गई है और वह शीघ्र ही अपनी जांच रिपोर्ट सौंप देंगे। हरियाणा के डी.जी.पी. ने इस मामले में अब तक हुई जांच रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की। 

 

सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 3 अप्रैल तक स्थगित करते हुए डी.जी.पी. को अगली सुनवाई पर स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा।

 

अफसरों को मधुबन भेजो, ताकि गलती न दोहराई जाए
मामले की सुनवाई करते हुई चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पुलिस विभाग को आदेश दिए कि वह अपने कुछ अफसरों को मधुबन स्थित पुलिस ट्रेनिंग  सैंटर भेजे, जहां उन्हें आरोपियों की शिनाख्त करवाए जाने की ट्रेनिंग दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की गलती न दोहराई जा सके। 

 

जिस पर विभागीय जांच की गाज, वह एस.आई.टी. में 
मोरनी गैंगरेप की जांच के लिए पहले गठित की गई एस.आई.टी. में इंस्पैक्टर राजेश कुमारी शामिल थीं, जिनकी देखरेख में जांच की गई और जांच में खामियां सामने आईं थीं। उसी इंस्पैक्टर राजेश कुमारी को नई एस.आई.टी. में शामिल कर दिया गया है। 

 

हाईकोर्ट में दिए एफिडैविट में राजेश कुमारी का नाम एस.आई.टी. में शामिल है। इसके अलावा पंचकूला के डी.सी.पी. एस.आई.टी. की अगुवाई करेंगे, जबकि इंस्पैक्टर अमन कुमार, ए.सी.पी. कालका पवन कुमार, इंस्पैक्टर नवीन, इंस्पैक्टर महावीर सिंह, इंस्पैक्टर राजेश कुमारी, सब-इंस्पैक्टर बृजपाल, कमला, बलदेव सिंह इसमें शामिल हैं। एस.आई.टी. को टाइम बाऊंड नहीं किया गया है, लेकिन समय-समय पर कोर्ट को स्टेटस रिपोर्ट देनी होगी।

 

पीड़िता पहुंची हाईकोर्ट बोली-परेशान किया जा रहा, संरक्षण में लो 
पीड़िता बुधवार को मामले की सुनवाई के बाद बदन पर चीफ जस्टिस के नाम का पोस्टर चिपकाए कोर्ट पहुंची।  पीड़िता ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नाम एक पत्र भी लिखा है, जिसमें बताया गया कि हरियाणा पुलिस उसके घर बार-बार चक्कर लगा रही है और उसे परेशान कर रही है। 

 

उसे कभी डी.सी.पी. ऑफिस तो कभी महिला थाने बुलाकर सुबह से शाम तक बैठाया जाता है। उसकी मदद करने वालों को धमकाया जा रहा है और उस पर दबाव बनाया जा रहा है कि वह शिकायत वापस ले ले। पति की जमानत के लिए भी पुलिस पैसे मांग रही है। 

 

पीड़िता ने गुहार लगाई कि उसके पति निर्दोष हैं, जिन्हें पुलिस ने अपनी कमियां छिपाने के लिए आरोपी बना लिया है। पीड़िता ने पत्र के माध्यम से कोर्ट से गुहार लगाई है कि उसे कोर्ट अपने संरक्षण में ले ले। पुलिस ने रजिस्ट्रार को सूचित किया और उसका पत्र लेकर सही हाथों में भिजवाने का आश्वासन दिया। 

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