पार्षदों के रवैये से खफा होकर निगम कमिश्नर ने किया वाकआऊट

Edited By Updated: 31 Oct, 2019 08:38 AM

walkout

चंडीगढ़ नगर निगम सदन में ऐसा पहली बार हुआ कि निगम कमिश्नर ने पार्षदों के रवैये से खफा होकर बुधवार को वाकआऊट किया।

चंडीगढ़(राय) : चंडीगढ़ नगर निगम सदन में ऐसा पहली बार हुआ कि निगम कमिश्नर ने पार्षदों के रवैये से खफा होकर बुधवार को वाकआऊट किया। पार्षदों ने जब उनके वार्डों में विकास कार्य न होने पर निगम कमिश्नर के.के. यादव पर सदन में सवाल दागने शुरु किए तो एक पार्षद की भाषा से खफा होकर निगम कमिश्नर सदन से बाहर चले गए। 

कमिश्नर सदन से बाहर जाने के तुरंत बाद ही चंडीगढ़ के प्रशासक के सलाहकार के पास गए। सूत्रों के अनुसार सलाहकार ने तुरंत ही मेयर को फोन किया व मामला निपटाने के निर्देश दिए। हालांकि बाद में मेयर राजेश कालिया ने इस बात से इंकार कर दिया कि उन्हें मामला निपटाने के लिए कहीं से कोई निर्देश मिले। उनका कहना था कि यह उनके घर की बात थी व उन्होंने आपसी सहमति से निपटा ली।

विकास कार्य न होने पर बबला, सूद और जायसवाल ने भी लगाए आरोप : 
पहले कांग्रेस के दविंद्र बबला ने फिर अरुण सूद, आशा जायसवाल ने मुद्दा उठाया था व वह भी विकास कार्य न होने के आरोप कमिश्नर व निगम अधिकारियों पर लगा रहे थे। कमिश्नर ने बार-बार कहा कि सदन की मर्यादा का पालन करें, लेकिन मामला गरमा जाने पर निगम कमिश्नर अपने अधिकारियों के साथ सदन की बैठक से वाकआउट कर गए।

अधिकारी स्पॉट पर नहीं जाते हैं, काम के लिए कहें तो बोलते हैं फाइल चीफ इंजीनियर के पास :
सदन की बैठक में जब रुके विकास कार्यों पर चर्चा हो रही थी तो भाजपा पार्षद अनिल दुबे ने कमिश्नर से कह दिया कि न तो निगम के अधिकारी स्पॉट पर जाकर विकास कार्य देखते हैं और काम करवाने को कहें तो बताते हैं कि फाइल चीफ इंजीनियर के पास है। 

वहां जाएं तो कहते हैं फाइल कमिश्नर के पास है। इस पर कमिश्नर ने कह दिया कि आप एक दिन कमिश्नर की कुर्सी पर बैठो व हम प्रशासक को कह देते हैं कि कमिश्नर के पद की पावर पार्षदों को दे दें। इस पर दुबे ने कहा कि आप तो एक बार आई.ए.एस. बनकर इन पदों पर बैठ जाते हैं पर जनप्रतिनिधि को तो हर पांच वर्ष बाद परीक्षा देनी पड़ती है। 

जब सी.बी.आई. रेड होती है तो अधिकारियों पर ही शिकंजा कसा जाता है : कमिश्नर
निगम कमिश्नर ने कहा कि वार्ड विकास फंड को खर्च करने का जिम्मा चीफ इंजीनियर को सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि हर वार्ड में काम हो रहे हैं और इसमें फाइलों में जो आ रहा है उसके अनुसार ही है। यादव ने कह दिया कि सी.बी.आई. की रेड होने पर अधिकारियों पर शिकंजा कसा जाता है न कि पार्षदों पर। ऐसे में फाइलों में दर्शाए गए काम को सही तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। उक्त बात पार्षदों को रास नहीं आई और कमिश्नर के खिलाफ एकजुट हो गए।

हमें सुनना पड़ता है, हम किसे सुनाएं :
कमिश्नर के वाकआऊट के बाद करीब तीन घंटे तक निगम के पार्षद मेयर के साथ कभी एक कमरे में तो कभी दूसरे कमरे में इस मामले को लेकर बैठकें करते रहे। दविंद्र बबला ने कहा कि यह तो अभी शुरूआत है, कुछ पार्षदों ने कहा कि वार्ड में काम नहीं होंगे तो अधिकारियों को सुननी पड़ेगी। लोग हमें सुनाते हैं तो हम किसे सुनाएं।

निगम चलाने में भाजपा के मेयर व पार्षद फेल :
चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा ने कहा कि आज निगम के इतिहास में पहली बार कमिश्नर सहित सभी अफसरों का बायकॉट न केवल दुर्भाग्यपूर्ण था, बल्कि ये भाजपा शासित नगर निगम के पार्षद व मेयर का निकम्मापन है। भाजपा के पार्षद अफसरों पर दबाव डालकर अपने काम करवाना चाहते हैं। जब से भाजपा के मेयर बन रहे हैं, तबसे उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। 

एम.सी.सी. का नाम अब महा करप्ट कार्पोरेशन रख देना चाहिए अब तो नगर निगम को वसूली का केंद्र बना दिया है। चंडीगढ़ कांग्रेस ने पहले भी मांग की है कि नगर निगम भंग की जाए और दोबारा चुनाव करवाने चाहिए। छाबड़ा ने पार्षदों को सलाह दी है कि ऑफिसर्स से काम लें व गलत कामों के खिलाफ आवाज उठाए और चंडीगढ़वासियों की उम्मीदों पर खरा उतरें।

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!