संसदीय समिति ने DGCA और एयरलाइन को जमकर फटकारा, IndiGo के जवाब से नहीं हैं संतुष्ट

Edited By Updated: 17 Dec, 2025 09:13 PM

parliamentary committee slams indigo dgca over flight cancellations

इंडिगो फ्लाइट क्राइसिस को लेकर संसदीय समिति ने एयरलाइन और DGCA के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। समिति के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं देने पर दोनों पक्षों को 15 दिन बाद फिर से पेश होने का आदेश दिया गया। उड़ानों के रद्द होने से हजारों यात्रियों को...

नेशनल डेस्क : इंडिगो फ्लाइट क्राइसिस को लेकर संसदीय समिति ने एयरलाइन और DGCA के अधिकारियों पर नाराजगी जताई है। सूत्रों के अनुसार, इंडिगो की ओर से दिए गए जवाब समिति को संतोषजनक नहीं लगे। बैठक में DGCA और इंडिगो के अधिकारी संसद की समिति के सामने पेश हुए, लेकिन सवालों के सही जवाब नहीं दे पाए। समिति ने अधिकारियों से 15 दिन बाद फिर से पेश होने का आदेश दिया है।

बैठक में कौन-कौन शामिल हुए
समिति की बैठक में इंडिगो की ओर से COO की अगुवाई में अधिकारी उपस्थित हुए। वहीं, DGCA और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से सचिव समीर कुमार सिन्हा पेश हुए। इसके अलावा एयर इंडिया, एयर इंडिया एक्सप्रेस, स्पाइसजेट और आकाशा एयरलाइन के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद रहे। इंडिगो ने 2 दिसंबर से देशभर में कई दिनों तक सैकड़ों उड़ानें रद्द की थीं, जिससे यात्रियों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ा।

जेडीयू सांसद संजय झा की अध्यक्षता में बैठक
बैठक की अध्यक्षता जेडीयू सांसद संजय झा ने की। परिवहन, पर्यटन और संस्कृति मंत्रालय से संबंधित संसदीय स्थायी समिति किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी और इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने के कारण एयरपोर्ट पर मची अफरा-तफरी की जिम्मेदारी तय करने से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा बनाई गई जांच रिपोर्ट का इंतजार करने का निर्णय लिया।

संसदीय समिति का कड़ा रुख
सूत्रों के अनुसार, समिति ने बैठक में कई सवाल उठाए, जिनमें यह पूछा गया कि संशोधित फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के लागू होने के बाद क्या मंत्रालय इस तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार था। सदस्यों ने यह भी पूछा कि क्या पायलटों की ड्यूटी की नई व्यवस्था से छूट पाने के उद्देश्य से इंडिगो ने दबाव बनाने की रणनीति अपनाई। इंडिगो और DGCA के प्रतिनिधियों ने इन सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दिए।

इसके बाद समिति ने दोनों पक्षों को 15 दिन बाद फिर से पेश होने के लिए कहा। यात्रियों को हुई असुविधा पर माफी मांगने के बजाय दोनों पक्षों ने इसे मौसम और अन्य तकनीकी समस्याओं का परिणाम बताने की कोशिश की। समिति ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से गठित चार सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट का इंतजार करने का निर्णय लिया है, जिसकी रिपोर्ट 28 दिसंबर तक सौंपे जाने की संभावना है।

DGCA और इंडिगो की कड़ी खिंचाई
बैठक में समिति के सदस्यों ने हवाई सेवाओं के रद्द होने के कारण हजारों यात्रियों को हुई समस्याओं के लिए इंडिगो और DGCA को जमकर फटकार लगाई। सदस्यों ने कहा कि संसद सत्र के दौरान दिल्ली में मौजूद सांसदों को भी इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने और अन्य एयरलाइनों की देरी का सामना करना पड़ा।

सदस्यों ने यह भी सवाल उठाया कि इंडिगो ने DGCA को कब सूचित किया कि वह पायलट ड्यूटी के नए नियम लागू नहीं कर पाएगा और DGCA ने मंत्रालय को इसकी जानकारी कब दी। साथ ही सदस्यों ने यह भी पूछा कि एयरलाइन और यात्रियों के बीच फ्लाइट रद्दीकरण और लगेज से संबंधित संवाद में यह कमी क्यों रही। कई सदस्यों ने उड़ानों के कैंसिल होने के कारण हवाई किराए में हुई बढ़ोतरी का मामला भी उठाया।

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