Edited By pooja verma,Updated: 18 Feb, 2020 11:41 AM
नगर निगम की ओर से शहर के जिन वैंडर्स को सैक्टर-15 शिफ्ट किया गया था, उन्होंने सोमवार से नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।
चंडीगढ़ (राय): नगर निगम की ओर से शहर के जिन वैंडर्स को सैक्टर-15 शिफ्ट किया गया था, उन्होंने सोमवार से नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सैक्टर-22 किरण सिनेमा के सामने इन वैंडर्स ने ओल्ड फड़ी सैनिटरी एसोसिएशन सैक्टर-22 चंडीगढ़ के चेयरमैन नरेश कुमार गोयल के नेतृत्व में मुंह पर काली पट्टी बांधकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। प्रदर्शन उनकी मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा।
वैंडर्स ने बताया कि जब से उन्हें सैक्टर-15 में शिफ्ट किया गया है, तभी से उनका रोजगार छिन गया है। दिनभर वहां सामान लगाकर बैठे रहते हैं लेकिन कोई ग्राहक नहीं पहुंचता। वे पिछले 30-35 वर्षों से जहां अपना सामान बेचा करते थे, वहां से निगम ने उन्हें उठाकर सैक्टर-15 शिफ्ट कर दिया और अब वे भूखों मरने के कगार पर पहुंच गए हैं। काम के न चल पाने के कारण उनको घर चलाना और बच्चों को पालना मुश्किल हो गया है। उन्हें अपनी पुरानी जगह पर ही बिठाया जाए।
सर्वे में नए वैंडर्स का नहीं देखा गया कोई प्रूफ
पुराने वैंडर्स का यह भी आरोप है कि निगम ने सर्वे के दौरान किसी नए बने वैंडर का कोई प्रूफ नहीं देखा कि वो जहां अपना सर्वे करवा रहा है, वहां कभी पहले वो काम करता भी था या नहीं।
इसी का लाभ उठाकर सैकड़ों की संख्या में नए वैंडरों ने सर्वे में अपना नाम डलवा लिया और जब ड्रा निकला गया तो नए वैंडर्स को वहां जगह मिल गई, जहां पुराने वैंडर्स पिछले कई वर्षों से बैठे अपना काम कर रहे थे। वैंडर्स ने मांग की कि उन्हें वहीं शिफ्ट किया जाए, जहां से उन्हें उठाया गया है। प्रदर्शन में शहर के लगभग सभी सैक्टर के वैंडर्स ने भाग लिया। सैक्टर-15 वैंडर साइट पर गिने-चुने वैंडर्स ने ही अपना सामान लगाया।
घर चलाना हो गया मुश्किल
ओल्ड वैंडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन नरेश कुमार गोयल ने बताया कि शहर में साल 2014 में वैंडर्स एक्ट लागू हुआ था। जिसके बाद इसके लाइसैंस बनाए गए। साल 2017 में फीस भी लेनी शुरू कर दी गई। सभी वैंडर्स ने नियमों के हिसाब से लाइसैंस बनवाए और हर महीने फीस भी भरी। इसके बाद प्रशासन ने सभी वैंडर्स को शिफ्ट करके अलग-अलग सैक्टर्स में भेज दिया।
सभी वैंडर्स अलग-अलग सैक्टर्स में चुपचाप शिफ्ट हो गए और पिछले अढ़ाई महीनों से वहीं पर अपनी दुकानदारी चलाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन जहां पर वैंडर्स को शिफ्ट किया गया है वहां पर ग्राहकों के न होने की वजह से धंधा खत्म हो गया है। उनकी भूखे मरने की नौबत आ गई है। वैंडर्स घर चलाने में पूरी तरह से असमर्थ हो चुके हैं।
प्रशासनिक अधिकारियों से बात की लेकिन उन्हें इस समस्या के समाधान के लिए कोई आश्वासन नहीं दिया गया। मजबूर होकर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर बैठ गए हैं। अब जब तक प्रशासन उनकी समस्याओं को सुलझा नहीं लेता, तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।