Edited By ,Updated: 22 May, 2016 11:39 AM
रोने संबंधी शकुन
* यदि कार्य के आरम्भ या यात्रारंभ में दाईं ओर रुदन सुनाई दे तो वह शकुन
रोने संबंधी शकुन
* यदि कार्य के आरम्भ या यात्रारंभ में दाईं ओर रुदन सुनाई दे तो वह शकुन अशुभ होगा। उसके फलस्वरूप कार्य का बनना कठिन होता है।
* यदि बाईं ओर रुदन का स्वर सुनाई दे तो वह लक्षण अशुभ नहीं होगा परंतु उस स्थिति में यदि रोने वाला कोई दिखाई न दे, केवल शब्द सुनाई पड़े तो शुभ है अन्यथा अशुभ समझना चाहिए।
* यदि पीठ पीछे रोने का शब्द सुनाई दे तो संतान के लिए हानिकारक समझा जाता है परंतु घर लौट कर आते समय पीठ पीछे के रोने का शब्द सुनाई पड़े तो अशुभ नहीं होता, कुछ के मत में यह शकुन लाभदायक होता है।
यदि घर से जाते समय आगे की ओर रुदन का स्वर सुनाई दे तो घातक समझना चाहिए।
* यदि उस समय शत्रु रुदन करता हो अथवा उसके घर में रुदन हो रहा हो तो यह शकुन शत्रु के लिए खराब और जातक के लिए शुभ हो जाता है।
* यदि रात्रि के समय मार्ग में रोने का शब्द सुनाई दे तो अभीष्ट कार्य सिद्ध होता है।
* यदि अग्रिकोण में जाते समय रुदन का शब्द सुनाई दे तो भयकारक होता है। वायव्य कोण में तो समृद्धि का कारण होगा। नैऋत्यकोण में रुदन सुनाई दे तो कार्य क्षेत्र का मार्ग रुक जाना चाहिए। तोरण भाग में रुदन का शब्द सर्वत्र सिद्धिदायक है।
शव संबंधी शकुन
* यदि किसी कार्य में जाते समय कोई मुर्दा दिखाई दे जिसके साथ कोई रुदन न कर रहा हो, वह शुभ शकुन समझा जाएगा। उससे सब प्रकार के कार्य-सिद्धि का सुयोग बनता है।
* यदि कार्यारंभ के लिए कहीं जाते हुए यदि कोई मुर्दा दाईं ओर दिखाई दे तो शुभ समझा जाता है। यदि कार्यारंभ के लिए कहीं जाते हुए मुर्दा बाईं ओर दिखाई दे तो अशुभ समझा जाता है।
* यदि लौटते समय अथवा गृह प्रवेश के समय मुर्दा दिखाई दे तो वह शकुन अशुभ समझा जाता है। इससे कोई गंभीर रोग होना अथवा प्राण पर खतरा होना संभव है।