Edited By Niyati Bhandari,Updated: 12 Feb, 2024 09:11 AM
राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में चल रहे वार्षिक राष्ट्रीय आदिवासी उत्सव आदि महोत्सव 2024 के दूसरे दिन लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट
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नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): राजधानी के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में चल रहे वार्षिक राष्ट्रीय आदिवासी उत्सव आदि महोत्सव 2024 के दूसरे दिन लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली। ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा आयोजित किया जाता है, और यह भारत की जनजातीय विरासत की समृद्ध विविधता का प्रदर्शन करता नजर आ रहा है। महोत्सव में आदिवासी कारीगरों की असाधारण प्रतिभा और शिल्प कौशल देखने को मिल रही है। महोत्सव में 300 से अधिक स्टालों के साथ एक विस्तारित शोकेस है, जिसमें जनजातीय कला, हस्तशिल्प, प्राकृतिक उपज और स्वादिष्ट जनजातीय व्यंजनों का विविध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है।
महोत्सव में लगभग 1000 आदिवासी कारीगरों ने भाग लिया है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री मोदी ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटे अनाज के वर्ष के रूप में मनाये जाने को लेकर, श्रीअन्न को प्रदर्शित करने की बात कही थी। मेले में इस वर्ष हस्तशिल्प, हथकरघा, मिट्टी के बर्तन, आभूषण आदि जैसे सामान्य आकर्षणों के साथ, महोत्सव में जनजातीय समुदाय की ओर से उगाए गए श्री अन्न को प्रदर्शित किया गया है।
8 दिवसीय मेले में 28 राज्यों के लगभग 1000 आदिवासी कारीगर और कलाकारों ने हिस्सा लिया है। 13 राज्यों के आदिवासी रसोइ, मिलेट्स में जायके का तड़का लगाते नजर आ रहे हैं, जिसमें रागी हलवा, कोदो की खीर, मांडिया सूप, रागी बड़ा, बाजरा की रोटी, बाजरा का चुरमा, मडुआ की रोटी, भेल, कश्मीरी रायता, कबाब रोगन जोश का जायका खास तौर पर मिलेगा।