नवरात्रि: अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से पहले रखें इन बातों का ध्यान, नहीं होगा नुकसान

Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Sep, 2017 09:15 AM

akhand jyoti navratri maa durga

नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के नौ स्वरूपों (शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूषमांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री)

नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के नौ स्वरूपों (शैल पुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूषमांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी तथा सिद्धिदात्री) की पूजा की जाती है। इन नौ दिन विधि-विधान से मां भगवती की अराधना करने से मां अपने भक्तों की मनचाही मुराद पूरी करती हैं। नवरात्रि में पूजा से संबंधित कई तैयारियां की जाती है। कई लोग अपने घरों में अखंड ज्योति भी प्रज्वलित करते हैं। लेकिन अखंड ज्योति को प्रज्वलित करने से पूर्व कुछ बातों का ध्यान रखा जाता है। बिना जानकारी के अखंड ज्योति प्रज्वलित करने से अशुभ फल की प्राप्ति हो सकती है। 

शास्त्रों के अनुसार जिस समय तक अखंड ज्योति प्रज्वलित रखने का संकल्प लिया है, उससे पहले वह बुझनी नहीं होनी चाहिए। ऐसा होना अशुभ माना जाता है।  

जिस स्थान पर अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं उसके आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए।

अखंड ज्योति को हवा से बचाने हेतु कांच के गोले में रखा जा सकता है। जिससे ज्योति निरंतर प्रज्वलित रहे। 

अखंड ज्योति के लगातार प्रज्वलित होने से बाती में कालिख जम जाने के कारण वह बुझनी शुरु हो जाती है। ऐसी स्थिति में एक अतिरिक्त बाती को जलाकर दिए में रख दें अौर मुख्य बाती को उठाकर उसमें जमी कालिख को साफ कर दें। 

नौ दिनों तक प्रज्वलित रहने वाली अखंड ज्योति घी की कमी के कारण बुझनी नहीं चाहिए। इसलिए उसमें पर्याप्त मात्रा में घी डाल दें।

जिस घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित होती है, उन्हें जमीन पर शयन करना चाहिए। 

संकल्प पूरा होने के बाद भी यदि अखंड ज्योति जल रही है तो उसे फूंक मार कर न बुझाएं, उसे प्रज्वलित रहने दें।
 

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