Edited By ,Updated: 09 Mar, 2015 08:59 AM
किसी भी कार्य के शुभारंभ से पहले श्रीगणेश का ध्यान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से उस कार्य के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।
किसी भी कार्य के शुभारंभ से पहले श्रीगणेश का ध्यान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से उस कार्य के सफल होने की संभावना बढ़ जाती है। हिन्दू धर्म में गणेश जी सर्वोपरि स्थान रखते हैं। श्री गणेश जी विघ्न विनायक हैं जो आपके जीवन के दुखों को हर लेते हैं। गणेश चतुर्थी और बुधवार को गणेश जी का दिन होता है इसलिए उनकी पूजा इस दिन विशेष फलदायी होती है।
गणेश चतुर्थी और बुधवार को शुद्ध घी से बने 21 लड्डूओं से गणपति की पूजा करना श्रेष्ठकर होता है। यदि आप में शुद्ध घी से बने लड्डूओं को चढ़ाने की क्षमता न हो तो आप कुश भी चढ़ा सकते हैं क्योंकि कहते हैं कि गणपति बड़े सरल हैं और उन्हें प्रसन्न होते देर नहीं लगती है। कुश से ही भगवान प्रसन्न होकर आपकी इच्छा पूर्ण करते हैं।
श्री गणेश की विशेष मंत्रों से पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। विघ्न और संकटों से बचाकर जीवन के हर सपने व इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी गई है। ॐ गणेशाय नम: और श्री गणेशाय नम: ये दो मंत्र ऐसे हैं जिनका इस्तेमाल हिंदू धर्म में सदियों से होता आया है।
तनाव और जीवन की कठिनाईयों से मुक्ति पाने के लिए चतुर्थी और बुधवार के दिन हाथी को हरा चारा खिलाएं।
गणेश यंत्र को इच्छापूर्ति यंत्र कहा जाता है। आज के दिन घर में इसकी स्थापना करने से घर में कभी किसी चीज की कमी नहीं होती।