Edited By ,Updated: 08 Jun, 2015 03:25 PM
शास्त्रों एवं पुराणों में दिन-रात से संबंधित अलग-अलग नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनका पालन करने से जीवन में आने वाले सभी दुखों से मुक्ति पाकर सफल जीवन यापन किया जा सकता हैं।
शास्त्रों एवं पुराणों में दिन-रात से संबंधित अलग-अलग नियम निर्धारित किए गए हैं। जिनका पालन करने से जीवन में आने वाले सभी दुखों से मुक्ति पाकर सफल जीवन यापन किया जा सकता हैं। आधुनिक परिवेश से प्रभावित बहुत से लोग धर्म के नियमों का पालन नहीं करते इसीलिए उनके जीवन में दुख और असफलता आती रहती है। वहीं उनका जीवन एक भ्रम और भटकाव ही बन कर रह जाता है।
रात को नींद के आगोश में जाने से पहले अधिकतर लोगों को इत्र, डियो अथवा सुंगध को किसी न किसी रूप में अपने शरीर पर लगाना भाता है। पुराणों के अनुसार ऐसा करना नकारात्मक शक्तियों को बुलावा देना है। रात के समय नकरात्मकता सुंगधित काया की ओर विशेष रूप से आकर्षित होती है।
सनातन धर्म के शास्त्रों में कहा गया है सोने से पूर्व चेहरा, हाथ और पांव धोकर अच्छे से पोंछ कर भगवान का नाम सिमरण करते हुए सोना चाहिए। ऐसा करने से सोते समय जितने भी श्वास लिए जाते हैं वे भगवान को अर्पण हो जाते हैं।
रात को बिस्तर पर लेटते ही बहुत सी महिलाओं की आदत होती है बंधे बालों को खोल देती हैं। फिर सोती हैं। पुराणों के अनुसार इससे व्यक्तित्व पर द्वेषपूर्ण प्रभाव पड़ता है। निगेटिव ऊर्जा सक्रीय हो जाती है। अत: प्रतिदिन सोने से पूर्व बालों को बांध लें।