Azadi ka amrit mahotsav: पीएम वाला तिरंगा अनूठी है कहानी

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Aug, 2022 01:07 PM

azadi ka amrit mahotsav

स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराते हैं। जिस तिरंगे को पीएम फहराते हैं, वह निराला होता है। इस ध्वज के निर्माण की प्रक्रिया अति विशिष्ट होती है। पीएम वाला यह तिरंगा रेशम से बनाया जाता है।

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75th anniversary of independence day: स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को फहराते हैं। जिस तिरंगे को पीएम फहराते हैं, वह निराला होता है। इस ध्वज के निर्माण की प्रक्रिया अति विशिष्ट होती है। पीएम वाला यह तिरंगा रेशम से बनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस पर पीएम द्वारा झंडारोहण में लगाए जाने वाले इस तिरंगे का आकार 307 सेंटीमीटर गुणा 240 सेंटीमीटर होता है। तिरंगे को बनाए जाने के दौरान कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है, इस दौरान 10 फीसदी तिरंगे मानक पर खरे नहीं उतर पाते। विभिन्न स्तर पर करीब 18 बार तिरंगे की गुणवत्ता जांची जाती है, ताकि वो तय मानकों पर खरा उतर सके। जैसे झंडे का निर्धारित रंग तय मानक के अनुरूप ही होना चाहिए। केसरिया, सफेद और हरे कपड़े की लंबाई-चौड़ाई में अंतर नहीं होना चाहिए। तिरंगे के दोनों ओर अशोक चक्र की छपाई समान होनी चाहिए। फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 के प्रावधानों के मुताबिक तिरंगे को तैयार किया जाता है। 

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बेहद सम्मान के साथ होता है रखरखाव
 स्वतंत्रता दिवस पर सूर्योदय के बाद प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं। शाम को इस विशेष तिरंगे को उतारने का काम व सुरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी सशस्त्र बलों की होती है। शाम को तिरंगा उतारकर सशस्त्र बलों के सुपुर्द कर दिया जाता है। 

हुबली में तैयार होते हैं खास राष्ट्रीय ध्वज
कर्नाटक के हुबली शहर में स्थित बेंगेरी इलाके में कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (केकेजीएसएस) द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा बनाया जाता है। केकेजीएसएस का गठन नवंबर 1957 में किया गया था। वर्ष 2005-2006 में इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडडर्स प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ था। तब से आज तक लालकिले की प्राचीर पर लहराया जाने वाला तिरंगे का निर्माण यहीं पर किया जाता है। केकेजीएसएस द्वारा तैयार तिरंगा राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों, उच्चायोगों, सरकारी इमारतों पर फहराया जाता है। यहां से सिर्फ सरकारी ही नहीं सामान्य लोग भी तिरंगा ले सकते हैं। ऑनलाइन तिरंगा खरीदने की सुविधा है। केकेजीएसएस में करीब 250 लोग तिरंगा बनाते हैं, जिनमें 80 फीसदी महिलाएं हैं।

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