Edited By Prachi Sharma,Updated: 11 Dec, 2025 08:18 AM

Ujjain Mahakal Mahotsav: प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इच्छा के अनुरूप राज्य सरकार पहली बार धर्मनगरी उज्जैन में भव्य महाकाल महोत्सव आयोजित करने जा रही है। इस विशाल आयोजन की ज़िम्मेदारी मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग को सौंपी गई है।...
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Ujjain Mahakal Mahotsav: प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की इच्छा के अनुरूप राज्य सरकार पहली बार धर्मनगरी उज्जैन में भव्य महाकाल महोत्सव आयोजित करने जा रही है। इस विशाल आयोजन की ज़िम्मेदारी मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग को सौंपी गई है। महोत्सव का स्वरूप पूरी तरह धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक गतिविधियों से भरपूर होगा, और सबसे खास बात यह है कि इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित करने की तैयारी चल रही है।
महोत्सव की रूपरेखा तय करने के लिए सिंहस्थ मेला कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। बैठक में सभी बुद्धिजीवियों और अधिकारियों ने आयोजन की दिशा पर विस्तृत चर्चा की।
14 से 18 जनवरी तक चलने वाले इस पांच दिवसीय अद्भुत समारोह में शिव तत्व, दर्शन, कला और जन उत्सव का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। देश और विदेश के नामी कलाकार प्रस्तुतियाँ देंगे, जबकि विश्व स्तरीय विचारक, संत और आध्यात्मिक गुरु अपनी वाणी से कार्यक्रम को सार्थकता प्रदान करेंगे। साथ ही लोक कला, बैंड परफॉर्मेंस, बहुरूपिए, प्रदर्शनी, पतंग उत्सव और एक विशाल शिव बारात भी महोत्सव का मुख्य आकर्षण होंगे।
उज्जैन के पौराणिक और ऐतिहासिक स्थलों- जैसे काल भैरव मंदिर, चिंतामन गणेश, गढ़ कालिका और भर्तहरि गुफा को महोत्सव की गतिविधियों का केंद्र बनाया जाएगा। आयोजन के लिए आचार्य स्वामी अवधेशानंद गिरी, कैलाशानंद महाराज, सद्गुरु जग्गी वासुदेव, श्री श्री रविशंकर, मोरारी बापू, कवि कुमार विश्वास और आरिफ मोहम्मद खान जैसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों को आमंत्रित किया जा रहा है।
कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने बताया कि यह महाकाल महोत्सव पहली बार आयोजित किया जा रहा है और आने वाले वर्षों में इसे परंपरा के रूप में नियमित रूप से किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पहली बैठक में कार्यक्रम के स्वरूप और प्रत्येक दिन होने वाले विशेष आयोजनों पर चर्चा हुई। महाकाल मंदिर से जुड़ी संस्कृति, दर्शन और परंपराओं को इस महोत्सव में विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।
सिंहस्थ मेला कार्यालय में संभागायुक्त आशीष सिंह की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में कार्यक्रम के आयोजन स्थल, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, उद्घाटन समारोह और संतों तथा विचारकों की उपस्थिति जैसे विषयों पर विस्तार से विचार-विमर्श हुआ। कार्यक्रम तय समयानुसार 14 से 18 जनवरी 2026 तक आयोजित किया जाएगा।