Basant Panchami: पढ़ाई से लेकर करियर तक में पाएं चमत्कारी लाभ

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 14 Feb, 2024 08:45 AM

basant panchami

मंगलवार 14 फरवरी, 2024 को बसंत पंचमी का त्यौहार है। यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन के साथ ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Basant Panchami Saraswati Puja 2024: मंगलवार 14 फरवरी, 2024 को बसंत पंचमी का त्यौहार है। यह पर्व हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन के साथ ही वसंत ऋतु की शुरुआत होती है। बसंत ऋतु में मानो पूरी प्रकृति पीले रंग की चादर से ढक जाती है। आम के पेड़ों में बौर आ जाती है और चारों ओर रंग-बिरंगी तितलियां मंडराने लगती हैं।

PunjabKesari basant
Saraswati Puja on Vasant Panchami 2024: बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने की परंपरा है।  मान्यता है कि इसी दिन मां का जन्म हुआ था। मां शारदे की पूजा के साथ-साथ इस रोज़ नया कामकाज शुरू करना बहुत शुभ माना गया है। माता सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। ये विद्या और बुद्धि प्रदाता हैं। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण ये संगीत की देवी भी हैं। मां सरस्वती की पूजा करने से अज्ञानी में भी ज्ञान का दीप जल उठता है। इस दिन लोग अपने घरों में पील रंग के व्यंजन बनाते है, कुछ पीले रंग के चावल बनाते हैं तो कुछ केसर का उपयोग करते हैं।
     
Basant Panchami shubh muhurat: बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त: 
माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि प्रारंभ- 13 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजकर 41 मिनट से
माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि समापन- 14 फरवरी 2024 को दोपहर 12 बजकर 9 मिनट पर
सरस्वती पूजा तिथि- 14 फरवरी 2024
सरस्वती पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-  14 फरवरी 2024 को सुबह 7 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक

PunjabKesari basant
Vasant Panchami in India in 2024: बसंत पंचमी को ही श्री पंचमी और सरस्वती पंचमी भी कहा जाता है। बसंत पंचमी के खास दिन को ज्ञान और शिक्षा से जोड़ते हैं। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस दिन से भारत देश में छोटे बच्चों को शिक्षा देने की शुरुआत भी की जाती है। इसे 'अक्षर अभ्यासम' या 'विद्या आरंभंम' भी कहा जाता है।

When is Basant Panchami celebrated: शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी के नाम से भी उल्लेखित किया गया है। इस दिन को होली की शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है, जो कि इसके 40 दिन बाद आती है। वहीं इस दिन को विद्या की देवी माता सरस्वती के प्रकटोत्सव के रूप में भी मनाया जाता हैं। मां सरस्वती के अलावा कई जगह पर इस दिन भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। इस दिन सभी लोग जो माता सरस्वती की पूजा करते है, वो अपनी कलम और किताबों को पूजते हैं क्योंकि ये सभी हमें ज्ञान प्राप्त करने में सहयोग करती हैं।

PunjabKesari basant
Vasant Panchami Saraswati Puja 2024: बसंत पंचमी पूजा विधि
मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को पीले रंग के वस्त्र पहनाएं। अब रोली, चंदन, हल्दी, केसर, चंदन, पीले या सफेद रंग के पुष्प, पीली मिठाई और अक्षत अर्पित करें।


Basant Panchami Saraswati Puja 2024: पूजा के स्थान पर वाद्य यंत्र और किताबों को रखकर उनकी भी पूजा करें।

मां सरस्वती की वंदना का पाठ करें।

मां सरस्वती की पूजा विद्यार्थियों के लिए बहुत खास है,क्योंकि देवी सरस्वती प्रसन्न हुईं तो विद्यार्थियों का कॅरियर संवर जाता है।

विद्यार्थियों को चाहिए कि वो मां सरस्वती की प्रतिमा के सामने पीले रंग के कागज पर लाल रंग की कलम से ग्यारह या इक्कीस बार मां सरस्वती का ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः’ मंत्र लिखें। ज्ञान की देवी, माँ सरस्वती को पीला रंग काफी प्रिय है।

देवी सरस्वती को प्रसन्न करने के लिए इस दिन पपीते और केले के फल का दान करना चाहिए। इस दिन अपने गुरु से आशीष लेना न भूलें। उन्हें पीले रंग का कपड़ा भेंट में दें।
     
गुरमीत बेदी  
gurmitbedi@gmail.com

PunjabKesari basant

 

 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!