Edited By Niyati Bhandari,Updated: 30 Jul, 2023 09:17 AM
लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अरविन्द घोष आदि के गर्म विचारों से प्रभावित सत्येन्द्रनाथ बोस ऐसे क्रांतिकारी थे जो इतिहास के पन्नों में
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Satyendra Nath Bose: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और अरविन्द घोष आदि के गर्म विचारों से प्रभावित सत्येन्द्रनाथ बोस ऐसे क्रांतिकारी थे जो इतिहास के पन्नों में खो गए। अनुशीलन समिति के सदस्य सत्येंद्रनाथ बोस ने आजाद भारत के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। 30 जुलाई, 1882 को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले (वर्तमान में पश्चिम मिदनापुर) में जन्मे सत्येन्द्रनाथ बोस गर्म स्वभाव के व्यक्ति थे। इनके पिता, अभय चरण बोसु, मिदनापुर कॉलेज में प्रोफेसर थे।
सत्येन्द्रनाथ ने जतिन बनर्जी की प्रेरणा तथा स्वामी विवेकानंद के प्रभाव से युवकों को अपने दल में शामिल करने के लिए ‘छात्र भंडार’ नामक संस्था बनाई थी। उन्होंने ‘सोनार बंगला’ नामक ज्वलंत पत्रक भी लिखा था। किंग्सफोर्ड की हत्या कराने के लिए सत्येंद्रनाथ बोस ने ही अपने शिष्य खुदीराम बोस को प्रेरित किया था।
स्वतंत्रता आंदोलन में 1908 की अलीपुर बम घटना मुख्य है। इसके मुख्य संदिग्ध आरोपी अरबिंदो घोष को बचाने के लिए इन्होंने अलीपुर जेल अस्पताल में साथी कैदी कनाईलाल दत्ता की मदद से सरकारी गवाह बने गद्दार नरेंद्रनाथ गोस्वामी की गोली मारकर हत्या कर दी जिसके लिए 21 नवम्बर, 1908 को इस महान क्रांतिकारी को फांसी के फंदे पर लटका दिया गया था।