Budh Pradosh Vrat: रोग-शोक से मुक्ति के लिए आज करें ये काम

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 24 Aug, 2022 10:24 AM

budh pradosh vrat

भगवान शिव की कृपा पानी हो तो प्रदोष व्रत अति उत्तम दिन होता है। सावन मास में पढ़ने वाले प्रदोष का और भी शुभ प्रभाव मिलता है। इस मास का प्रदोष 24 अगस्त बुधवार के दिन पड़ रहा है यानी आज इसलिए

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Budh Pradosh Vrat 2022: भगवान शिव की कृपा पानी हो तो प्रदोष व्रत अति उत्तम दिन होता है। सावन मास में पढ़ने वाले प्रदोष का और भी शुभ प्रभाव मिलता है। इस मास का प्रदोष 24 अगस्त बुधवार के दिन पड़ रहा है यानी आज इसलिए इसे बुध प्रदोष कहा जाएगा। बुध प्रदोष के दिन शिव और शिवा दोनों की कृपा व्रती को प्राप्त होती है। जो लोग प्रदोष व्रत करते हैं, उनके घर में कभी भी दुख-दरिद्रता नहीं आती। बुध प्रदोष के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से रोग-शोक से मुक्ति मिलती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। बुध प्रदोष के दिन कुछ खास उपाय करने से असाध्य रोगों और हर तरह के संताप का नाश होता है। भगवान शिव की शरण में जाने से पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। भगवान शिव अपने भक्तों को हर प्रकार के बंधन से मुक्त करने वाले महाकाल हैं। फिर बंधन चाहे पूर्व जन्म के कर्मों का हो चाहे इस जन्म के रिश्ते-नातों का, कर्ज़ का बंधन हो या असाध्य रोग सता रहे हों। इन सब से मुक्ति पाने का अच्छा अवसर प्रदोष काल का समय होता है। प्रदोष काल की पूजा सूर्योदय से 45 मिनट पूर्व और 45 मिनट बाद तक की जाती है। दो पेहरों के मिलने के समय पर भगवान शंकर की प्रदोष पूजा की जाती है।

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Pradosh vrat ke upay: प्रदोष के समय यथा शक्ति व यथा योग्यता के अनुसार भगवान शंकर के लिंग रूप की पूजा करें। धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें। दो आंकड़े के फूल बुध प्रदोष के दिन शिवलिंग पर चढ़ाएं। ऐसा करने पर धन लाभ के साथ-साथ कर्ज़ों और रोगों से मुक्ति मिलती है। 

प्रदोष काल में भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग के नाम का जाप करें। शिव पुराण की कथा व शिव स्त्रोत का पाठ भी इस समय कई गुना ज्यादा फलदायक होता है। महामृत्युंजय मंत्र जाप करने से पूर्व कर्म भी कट जाते हैं। आरोग्य की प्राप्ति होती है। 

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Pradosh Vrat Mantra मंत्र- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् 

बुध प्रदोष के समय उत्तर मुखी होकर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें। उत्तर दिशा की तरफ धन रखने का स्थान बनाने से वे निरंतर बढ़ता रहता है। 

बुध प्रदोष के दिन छोटी कन्याओं को दान दें और गौ सेवा अवश्य करें।

प्रदोष व्रत करने वालों को गोदान के समान पुण्य की प्राप्ति होती है।

नीलम
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