इस देवी मंदिर में भालू करते हैं परिक्रमा, प्रसाद ग्रहण कर लौटते हैं जंगल

Edited By ,Updated: 31 Mar, 2017 04:09 PM

chandi devi temple

छतीसगढ़ के महासमुंद जिले के बागबहरा से लगभग पांच कि.मी. दूर जंगल में चंडी देवी का मंदिर स्थित है। नवरात्रि पर यहां पर माता के दर्शनों हेतु भक्तों की बहुत

छतीसगढ़ के महासमुंद जिले के बागबहरा से लगभग पांच कि.मी. दूर जंगल में चंडी देवी का मंदिर स्थित है। नवरात्रि पर यहां पर माता के दर्शनों हेतु भक्तों की बहुत भीड़ उमड़ती है। भक्तों के लिए यहां माता चंडी देवी के साथ-साथ यहां के भालू आकर्षण का केंद्र हैं। कहा जाता है कि भालुअों का एक परिवार प्रतिदिन यहां आता है अौर आरती के बाद प्रसाद लेकर चला जाता है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब भालू का परिवार मंदिर आता है तो मंदिर का एक सदस्य सीढ़ियों के पास खड़ा हो जाता है अौर मादा भालू बच्चों संग मंदिर के अंदर जाती है अौर माता की प्रतिमा की परिक्रमा करते हैं। प्रसाद लेने के बाद सभी भालू जंगल में वापस चले जाते हैं। इन भालुअों ने आज तक किसी को भी नुक्सान नहीं पहुंचाया। परंतु जब कोई उन्हें तंग करता है या भगाने का प्रयास करता है तो वे क्रोधित हो जाताे हैं। भालुअों के परिवार में नर, मादा भालू अौर इनके दो बच्चे हैं। 

कहा जाता है कि भालुअों का मंदिर आने का अर्थ है कि यहां लोगों पर देवी की विशेष कृपा है। स्थानीय लोग भालुअों को जामवंत परिवार कहता है। मंदिर का इतिहास लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुराना है। कहा जाता है कि माता चंडी की प्रतिमा यहां स्वयं प्रकट हुई थी। यह मंदिर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध था। तंत्र साधना के लिए पहले यह स्थान गुप्त माना जाता है लेकिन 1950-51 में यहां आम लोगों का आना शुरू हो गया। 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!