Edited By Niyati Bhandari,Updated: 21 Jul, 2023 08:41 AM
चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस अपने शिष्यों के साथ एक पहाड़ी से गुजर रहे थे। थोड़ी दूर चलने के बाद कन्फ्यूशियस
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Confucius story: चीन के महान दार्शनिक कन्फ्यूशियस अपने शिष्यों के साथ एक पहाड़ी से गुजर रहे थे। थोड़ी दूर चलने के बाद कन्फ्यूशियस एक जगह अचानक रुक गए और बोले,
‘‘कहीं कोई रो रहा है, वह आवाज को लक्ष्य करके उस ओर बढ़ने लगे। शिष्य भी पीछे-पीछे चल पड़े। एक जगह उन्होंने देखा कि एक महिला रो रही है।’’
कन्फ्यूशियस ने रोने का कारण पूछा तो महिला ने कहा कि इसी स्थान पर उसके पुत्र को चीते ने मार डाला है। इस पर कन्फ्यूशियस ने उस महिला से पूछा-तुम तो यहां अकेली हो, तुम्हारा बाकी परिवार कहां है?
इस पर महिला ने जवाब दिया- हमारा पूरा परिवार इसी पहाड़ी पर रहता था लेकिन अभी थोड़े दिन पहले ही मेरे पति और ससुर को भी इसी चीते ने मार दिया था। अब मेरा पुत्र और मैं यहां रहते थे और आज चीते ने मेरे पुत्र को भी मार दिया।
इस पर कन्फ्यूशियस हैरान हुए और बोले कि अगर ऐसा है तो तुम इस खतरनाक जगह को छोड़ क्यों नहीं देती? इस पर महिला ने कहा, ‘‘इसलिए नहीं छोड़ती क्योंकि कम से कम यहां किसी अत्याचारी का शासन तो नहीं है। और चीते का अंत तो किसी न किसी दिन हो ही जाएगा।’’
इस पर कन्फ्यूशियस ने अपने शिष्यों से कहा निश्चित ही यह महिला सहानुभूति की पात्र है फिर भी इसने एक महत्वपूर्ण सत्य से हमें अवगत करवाया है कि एक बुरे शासक के राज्य में रहने से अच्छा है किसी जंगल या पहाड़ी पर ही रह लिया जाए, बल्कि मैं तो कहूंगा कि सभी नागरिकों का फर्ज है कि वे ऐसे बुरे शासक का विरोध करें और उसे सुधरने के लिए मजबूर करें।