Edited By Jyoti,Updated: 16 Jun, 2021 05:15 PM
18 जून को धूमावती जयंती का पर्व मनाया जाएगा। हिंदी पंचांग के अनुसार जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां पार्वती के
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18 जून को धूमावती जयंती का पर्व मनाया जाएगा। हिंदी पंचांग के अनुसार जेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को यह पर्व मनाया जाता है धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां पार्वती के उग्र रूप धूमावती का अवतरण हुआ था जिस कारण इस दिन मां धूमावती की पूजा की जाती है। शास्त्र के मुताबिक मां धूमावती श्वेत वस्त्र धारण करती हैं केस खुले रखती हैं तथा कौवे की सवारी करती हैं।
धार्मिक मान्यता है कि इनके दर्शन मात्र से व्यक्ति को अपने तमाम पापों से मुक्ति मिलती है तथा अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। ग्रंथ और शास्त्रों में किए उल्लेख के मुताबिक इनका प्राक्ट्य पापियों को दंड देने के लिए हुआ था। यही कारण है कि इनकी पूजा विपत्तियों से मुक्ति, रोग नाश तथा युद्ध में विजय प्राप्त करने के लिए की जाती है।
यहां जाने इनसे जुड़े कुछ खास उपाय व मंत्र-
जिस व्यक्ति पर कर्ज़ का अधिक भार हो गया हो उसे इस दिन नीम की पत्तियों सहित व शुद्ध घी से हवन करना चाहिए।
कोई रोग परेशान कर रहा हो तो उससे छुटकारे के लिए मीठी रोटी व शुद्ध घी से हवन करना चाहिए।
गरीबी से निजात पाने के लिए इस दिन गुड व गन्ने से हवन करना चाहिए।
कुंडली में कालसर्प दोष हे या कोई अधिक ग्रह क्रूर हो तो इसके लिए जटामांसी और काली मिर्च से हवन करना चाहिए।
धूमावती मंत्र
ॐ धूं धूं धूमावत्यै फट्
ॐ धूमावत्यै विद्महे संहारिण्यै धीमहि तन्नो धूमा प्रचोदयात
धूम्रा मतिव सतिव पूर्णात सा सायुग्मे, सौभाग्यदात्री सदैव करुणामयि:
धूं धूं धूमावती ठ: ठ:
किसी तरह का कोई कोर्ट केस चल रहा हो तो इस दिन काली मिर्च से हवन करें।
इन उपायों के तहत सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस दिन रक्त चंदन घिस कर शहर में मिलाएं, बाद में जौ और इसका मिश्रण बनाकर इससे हवन करें।