Diwali 2020:  दीपों के पर्व से जुड़ी ये मान्यताएं, क्या आप जानते हैं?

Edited By Jyoti,Updated: 11 Nov, 2020 02:49 PM

diwali 2020

दिवाली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जिसे कई तरह के देखा जाता है। कोई इसे रोशनी के प्रतीक के तौर पर देखता है, कोई खुशियों का, कोई एकता का, कोई विजय आदि का।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
दिवाली का त्यौहार एक ऐसा त्यौहार है जिसे कई तरह के देखा जाता है। कोई इसे रोशनी के प्रतीक के तौर पर देखता है, कोई खुशियों का, कोई एकता का, कोई विजय आदि का। मगर ऐसा क्यों? क्या आप में से किसी ने इस बारे में सोचा है? कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाया जाने वाले ये त्यौहार किस कारण इतनी मान्यताओं के साथ जुड़ा है? अगर आप आपके दिमाग में आज तक कई तरह के ऐसे प्रश्न आए हैं, मगर इसके उत्तर नहीं मिले तो आपको बता दें आज आपको हमारे आर्टिकल के जरिए इनमें से कुछ सवालों के जवाब मिल सकते हैं। जी हां, आज हम आपको बताने वाले हैं कि दीपावली को मनाए जाने के क्या क्या धार्मिक कारण हैं।
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क्योंकि बहुत से ऐसे लोग हैं जिन्हें केवल एक ही मान्यता के बारे में पता है, कि इस दिन श्री राम 14 वर्ष के बाद वनवास व्यतीत कर अयोध्या मे वापिस लौटे थे। अपने राजा राम के वापिस आने पर अयोध्या वापिस आने पर समस्त अयोध्या वासियों ने दीप जलाकर अयोध्या को जगमगा दिया था, जिसके उपलक्ष्य में दिवाली का पर्व मनाया जाने लगा। किंतु बता दें इसके अलावा इस दिन का अधिक धार्मिक महत्व है। जी हां, दिवाली मनाए जाने के कई अन्य कारण भी शास्त्रों में वर्णित है।
दरअसल पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी दिन भगवान विष्णु ने राजा महाबली को पाताल लोक का स्वामी बनाया था। जिसके बाद इंद्र ने स्वर्ग को सुरक्षित हाथों में जानकर प्रसन्नतापूर्वक दिवाली मनाई थी। इसी दिन श्री हरि विष्णु ने नरसिंह रूप धारणकर हिरण्यकश्यप का वध किया। श्री कृष्ण अवतार में भगवान ने नरकासुर नाम के क राक्षस का वध किया था, जिसके उपलक्ष्य में अगले दिन लोगों ने दिवाली का पर्व मनाया था। इसके अलावा इसी दिन समुद्रमंथन के बाद देवी लक्ष्मी व भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे।

आइए जानते हैं दिवाली व सनातन धर्म के अन्य पर्वों का शुभ मुहूर्त-
जिस तरह नवरात्रि पर 9 दिन, देवी दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना की जाती है, ठीक उसी प्रकार दिवाली के शुभ अवसर पर पंचोत्सव मनाने की परंपरा होती है। तो आइए जानते हैं किस दिन क्या पर्व होगा।
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12 नवंबर- गुरुवार,- गोवत्स द्वादशी
13 नवंबर - शुक्रवार- धन त्रयोदशी, धन्वंतरी जयंती, हनुमान जयंती
14 नवंबर - शनिवार - चर्तुदशी, नरक चौदस, दिवाली
14 नवंबर - शनिवार - दिवाली
15 नवंबर - रविवार, गोवर्धन पूजा, अन्नकूट , विश्वकर्मा दिवस
16 नवंबर - सोमवार, यम द्वितीया- भाई दूज
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धनतेरस का शुभ मुहूर्त
त्रयोदशी तिथि प्रारंभ- 12 नवंबर, 2020 को रात 09:32 बजे से,
त्रयोदशी तिथि समाप्त होती है 13 नवंबर 2020 को शाम 06:01 तक
पूजा का शुभ मुहूर्त 13 नवंबर 2020 को शाम 05:28 बजे से शाम 7:30बजे तक।

 

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