किसी भी रत्न को धारण करने से पहले इस मंत्र का कर लें जाप, दोगुना होगा लाभ

Edited By Jyoti,Updated: 11 Feb, 2019 12:14 PM

do chant of this mantra during wear a pearl in finger

ज्योतिष के अनुसार अगर किसी की कुंडली में ग्रहों संबंधित कोई दोष हो तो कुछ विशेष रत्न पहनने की सलाह दी जाती हैं। इसी के चलते कुछ लोग अपनी मर्ज़ी से इन्हें धारण कर लेते हैं।

ये नहीं देखा तो क्या देखा (VIDEO)
ज्योतिष के अनुसार अगर किसी की कुंडली में ग्रहों संबंधित कोई दोष हो तो कुछ विशेष रत्न पहनने की सलाह दी जाती हैं। इसी के चलते कुछ लोग अपनी मर्ज़ी से इन्हें धारण कर लेते हैं। आपको बता दें कि इन्हें धारण करने से पहले ज्योतिषियों की सलाह लेना बहुत ज़रूरी है। क्योंकि बिना इनसे पूछे बिना अगर रत्न धारण किया जाए तो कभी-कभी इनके शुभ फलों की जगह अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार किसी ग्रह के स्थिति को ठीक करने के लिए पहले जब रत्न धारण किया जाता है तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जाती तब तक उसे निरर्थक माना जाता है और उसे पहनने से कोई लाभ नहीं मिल पाता। हिंदू धर्म और ज्योतिष में रत्न धारण करने के लिए शुभ मुहूर्त के बारे में बताया गया है। इसके साथ ही इसमें ये भी बताया है कि सर्वप्रथम रत्न धारण करने वाले को स्नान कर, पूर्व की तरफ मुंह कर बैठकर और दाहिने हाथ में जल, कुमकुम, चावल, दूर्वा एवं दक्षिणा लेकर संकल्प करना चाहिए-
PunjabKesari, Gems, Gemstone, रत्न

इसके अलावा इस दौरान मंत्र उच्चारण भी किया जाता है। यहां जानें किस मंत्र का जाप करना अच्छा होता है-
‘ॐ विष्णु: विष्णु: श्रीमद्भागवतो महापुरूषस्य विष्णोराज्ञया प्रवर्तमानस्य अद्य श्री ब्राह्मणो द्वितीय परार्धे श्री श्वेत वाराह कल्पे सप्तमे वैवस्वत मन्वन्तरे अष्टाविंशति में कलियुगे कालिप्रथमचरणे भारतवर्षे भरतखंडे जम्बू द्वीपे आर्यातवर्तान्तर्गत ब्रह्मावर्तेक देशे कन्याकुमारिका क्षेत्रे श्री महानद्योगंगा यतुनयो: पश्चिमे तटे नर्मदायां उत्तरे तटे विक्रम शके बौद्धावतारे देच ब्राह्मणानां सन्निधो प्रभवादि अमुक संवत्सरे अमुकायने अमुक नक्षत्रे अमुक राशिस्थिते चन्द्रे अमुक राशिस्थिते सूर्ये अमुक राशिस्थिते देवगुरो शेषेसु ग्रहेषु यथायथा स्थान स्थितितेषु सत्सु एवं ग्रण गुण विशेषण विशिष्टतायां पुण्यतिथौ अमुक गौत्रोSमुकशर्माहं ममात्मन श्रुतिस्मृति पुराणोक्त फलवाप्तये ममकमलत्रादिभि: सह सकलाधि व्यादि निरसनपूर्वक दीर्घायुष्य बलपुष्टि नेरुज्यादि अमुक ग्रह सम्बंधे अमुक रत्ने प्राणप्रतिष्ठा सिध्यर्थ करिष्ये।’
PunjabKesari, Gems, Gemstone, रत्न
इसके पश्चात हाथ में जल-अक्षत लेकर प्राणप्रतिष्ठा मंत्र पढ़े- ‘ततो जलेन प्रक्षालय प्राण-प्रतिष्ठा कुर्यात।। प्रतिमाया: कपलौ दक्षिण पाणिना स्पष्ट्वा मंत्रा: पठनीया:।। अस्य श्री प्राणप्रतिष्ठा मंत्रस्य विष्णुरूदौ ऋषी ऋग्यजु: सामान्छिदांसि प्राणख्या देवता।। ॐ आं बीजं हीं शक्ति: क्रां कीलंय यं रं लं वं शं षं सं हं हं स: एत: शक्तय: मूर्ति प्रतिष्ठापन विनियोग:।। ॐ आं ह्मीं कों यं रं लं वं शं षं हं स: देवस्य प्राणा: इह पुरूच्चार्य देवस्य सर्वेनिन्द्रयाणी इह:। पुनरुच्चार्य देचस्य त्वक्पाणि पाद पस्थादीनि इह:। पुनरुच्चार्य देवस्य वाड्. मनश्चृतक्षु: श्रोत्र घ्राणानि इह्मगत्य सुखेन चिरं तिष्ठतु स्वाहा।। प्राणप्रतिष्ठाा विधाय ध्यायेत्।। ववं प्राणप्रतिष्ठा कुत्वा षोडशोपचारै: पूज्येत्।।’
PunjabKesari, Gems, Gemstone, रत्न
ज्योतिष के मुताबिक हर व्यक्ति को रत्न धारण करने से पहले इस तरह संकल्प करके रत्न की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अंगूठी को कच्चे दूध, मिश्री, शुद्ध घी देसी, गंगाजल, मधु और फूल के घोल में डालकर रख दें। उसके बाद स्नानादि से करने के बाद धूप अगरबत्ती दिखाकर बतलाई गई अंगुली में पहन लें।
PunjabKesari
इस रंग की गाड़ी से हो सकता है आपका ACCIDENT (VIDEO)

Related Story

India

397/4

50.0

New Zealand

327/10

48.5

India win by 70 runs

RR 7.94
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!