Edited By Niyati Bhandari,Updated: 15 Apr, 2021 10:08 AM
हिंदू धर्म-संस्कृति में भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना गया है। ऋद्धि तथा सिद्धि दोनों भगवान गणेश जी की पत्नियां हैं। अत: जो लोग अपनी बुद्धि एवं स्मरण शक्ति में वृद्धि चाहते हैं उन्हें भगवान गणपति की साधना-उपासना
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Life Changing Astrology Remedies for Children Behavior: हिंदू धर्म-संस्कृति में भगवान गणेश को बुद्धि का देवता माना गया है। ऋद्धि तथा सिद्धि दोनों भगवान गणेश जी की पत्नियां हैं। अत: जो लोग अपनी बुद्धि एवं स्मरण शक्ति में वृद्धि चाहते हैं उन्हें भगवान गणपति की साधना-उपासना कर उन्हें प्रसन्न करने का प्रयत्न करना चाहिए। वैसे भी आज के समय में जिन बच्चों की स्मरण शक्ति कमजोर हो, जिनकी बुद्धि कम हो, जो चतुर एवं होशियार न हों उन्हें हेय दृष्टि से देखा जाता है। यदि आपके बच्चे भी इसी श्रेणी में आते हैं तो आपको गणेश जी के निम्न प्रयोग अवश्य आजमाने चाहिएं।
All Problems Can Solve From Shree Ganesh Spells गणेश साधना प्रयोग
इस साधना प्रयोग के लिए बुधवार का दिन श्रेष्ठ है। यह प्रयोग स्त्री एवं पुरुष वर्ग दोनों ही कर सकते हैं। इसे भी बच्चा यदि छोटा हो तो उसके माता-पिता कर सकते हैं।
किसी भी बुधवार के दिन प्रात:काल जल्दी उठ जाएं। स्नान आदि से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके कुशा के आसन पर बैठें।
अपने सामने बाजोट पर एक पीला वस्त्र बिछाकर भगवान गणेश की पत्थर, धातु या पारद की प्रतिमा स्थपित करें। प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करा, कुमकुम का तिलक करें। धूप-दीप करें व अगरबत्ती लगाएं। मोदक (लड्डू) का भोग लगाएं। शुद्ध घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें। अब भगवान गणेश का ध्यान करें तथा रुद्राक्ष माला से निम्र मंत्र की 3 माला मंत्र जाप करें।
ॐ गणेशाय नम:, नमो नम:, नम: नम:।
मंत्र जप की समाप्ति पर गणेश भगवान से प्रार्थना करें कि वह आपको या आपके बच्चों को तीव्र बुद्धि एवं तीव्र स्मरण शक्ति प्रदान करें। इसके पश्चात समस्त पूजन सामग्री इसी प्रकार छोड़ कर उठ जाएं।
दूसरे दिन प्रात: पुन: इस पूजा क्रम को दोहराएं। इस प्रकार आपको 21 दिनों तक नियमित रूप से यह प्रयोग करना है। प्रतिदिन प्रसाद बच्चों में बांट दें एवं दूसरे दिन पुन: ताजा प्रसाद काम में लें।
साधना प्रयोग समाप्त होते-होते आप स्वयं अपने बच्चों की प्रतिभा में परिवर्तन अनुभव करेंगे। प्रयोग समाप्त होने पर समस्त पूजन सामग्री कपड़े में बांधकर नदी, तालाब आदि में विसर्जित कर दें।