Guru Purnima 2025: जब गुरु का स्पर्श बना मोक्ष की सीढ़ी...

Edited By Updated: 10 Jul, 2025 06:43 AM

guru purnima 2025

ध्यान की नींव गुरु की छवि है, पूजा की नींव गुरु के चरण है, गुरु के वाक्य मंत्र के सामान है, मोक्ष केवल गुरु कृपा से ही संभव है। गुरु की मान्यता केवल वैदिक संस्कृति में पाई जाती है, अन्य किसी भी भाषा में गुरु का पर्यायवाची नहीं है। अध्यापक या स्वामी...

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Guru Purnima 2025: 

ॐ श्री गुरुवे नमः ओम ध्यानमूलं गुरुर्मूर्तिः पूजामूलं गुरुर्पदम् ।
 मन्त्रमूलं गुरुर्वाक्यं मोक्षमूलं गुरूर्कृपा ॥
ओम श्री गुरुवे नमः ओम

ध्यान की नींव गुरु की छवि है, पूजा की नींव गुरु के चरण है, गुरु के वाक्य मंत्र के सामान है, मोक्ष केवल गुरु कृपा से ही संभव है। गुरु की मान्यता केवल वैदिक संस्कृति में पाई जाती है, अन्य किसी भी भाषा में गुरु का पर्यायवाची नहीं है। अध्यापक या स्वामी के पर्याय तो मिल जाते हैं परन्तु गुरु इन दोनों से ऊपर है।

गुरु आपके और दैविक शक्तियों के बीच के सेतु और दैविक शक्तियों से आदान-प्रदान का एक मात्र माध्यम होते है। गुरु आपकी क्षमताओ को समझते हुए आपके लिए ऐसा साधना का मार्ग प्रशस्त करते हैं जिसके आप अधिकारी हो, गुरु मां के सामान है और शिष्य शिशु के सामान। गुरु को पता होता है कि शिष्य को क्या एवं कितना चाहिए और गुरु वही शिष्य को प्रदान करते है।  गुरु ज्ञान का भंडार एवं स्तोत्र होते हैं किन्तु शिष्य में गुरु उतना ही ज्ञान हस्तांतरित करते हैं जितना कि शिष्य धारण कर सके।

ज्ञान गरम पानी के समान होता है और शिष्य ठंडे पत्थर के समान। यदि आप अत्यधिक गर्म पानी को एक ठंडे पत्थर पर डाले तो वह पत्थर टूट जायेगा। गुरु ज्ञान को आहिस्ते से शिष्य की क्षमता के अनुसार शिष्य को हस्तांतरित करते हैं।

गुरु का मिलना बहुत दुर्लभ है परन्तु गुरु की खोज में आप दूसरों की सुनी सुनाई बातो पर मत जाइए, योग पूर्ण रूप से अनुभव के विषय में है और ये पूर्तः आपका ही अनुभव और अंतर्दृष्टि है जो आपको आपके गुरु तक ले जाती है। जब आप को गुरु संगत की प्राप्ति हो जाती है फिर तब आप अन्य किसी भी प्रवचन को सुनने या ज्ञानी के पास अपने प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए जाने की आवशयकता नहीं महसूस करते है, जब आप अपने गुरु को पा लेते हैं आपकी खोज समाप्त हो जाती है।

गुरु पूर्णिमा एक अत्यधिक शक्तिशाली दिन है, इस दिन गुरु कि उपस्थिति मात्र से ही आपको आंतरिक संसार के अभूतपूर्व अनुभव होते है एवं आपकी क्रमागत उन्नति पर अद्भुत प्रभाव पड़ता है।  गुरु पूर्णिमा की रात एक शिष्य के लिए विशेष महत्व रखती है। इस रात गुरु के सानिध्य में किए गए यज्ञ और मंत्र साधना से एक ही रात में कई वर्षों की साधना के बराबर फल प्राप्त होता है।

ध्यान फाउंडेशन गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर 24 घंटे का यज्ञ आयोजित कर रहा है। यह यज्ञ ध्यान आश्रम की यज्ञशाला में गुरु जी के सानिध्य में संपन्न होगा
तिथि- 10 जुलाई को प्रातः 01:36 बजे से 11 जुलाई को प्रातः 02:06 बजे तक।

अश्विनी गुरुजी
 

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