Edited By Prachi Sharma,Updated: 29 Feb, 2024 10:01 AM
अमरीका में एथेंस नामक एक अनाथ युवक रहता था। उसे पढ़ने का बेहद शौक था। एक दिन उसने किसी किताब में पढ़ा कि अध्ययन से व्यक्ति विश्व में सर्वश्रेष्ठ
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Inspirational Context: अमरीका में एथेंस नामक एक अनाथ युवक रहता था। उसे पढ़ने का बेहद शौक था। एक दिन उसने किसी किताब में पढ़ा कि अध्ययन से व्यक्ति विश्व में सर्वश्रेष्ठ स्थान प्राप्त कर सकता है। इससे वह न सिर्फ धन संपदा का मालिक बन सकता है बल्कि सदाचरण के मार्ग पर चलकर अपना जीवन सफल बना सकता है। एथैंस ने संकल्प किया कि वह बिना कर्म के प्राप्त धन का उपयोग नहीं करेगा और दुर्व्यसनों से दूर रहेगा।
एथैंस ने प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय में दाखिला लिया। कुछ सम्पन्न परिवारों के विद्यार्थी उसकी अनूठी प्रतिभा और लगन देखकर उससे ईर्ष्या करते थे। एक दिन कुछ ईर्ष्यालु विद्यार्थियों ने उस पर चोरी का इलजाम लगाकर उसे कटघरे में खड़ा कर दिया।
न्यायाधीश ने एथैंस से कहा, “तुम्हारे सहपाठियों का कहना है कि तुम चोरी करके अपनी फीस जमा करते हो। आखिर तुम्हारे जैसा अनाथ विद्यार्थी इतने महंगे विश्वविद्यालय का खर्च कैसे वहन करता है ?
इस पर एथैंस विनम्रतापूर्वक बोला, “सर, मैं बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपना खर्च निकालता हूं। दुर्व्यसनों से दूर होने के कारण मेरा खर्चा काफी कम में भी चल जाता है। मैंने यही सीखा है कि बिना परिश्रम के धन संचय करना पाप है। मेरे दोस्त साबित करके दिखाएं कि मैंने चोरी की है।”
एथैंस की बात का उसके सहपाठी जवाब न दे पाए।
न्यायाधीश ने इस बात की जांच की और एथैंस के कहे गए तथ्यों को सही पाया। उसे मुक्त कर दिया गया। एथैंस ने मेहनत और कर्म से अपना व्यक्तित्व निखारा। आज भी अमरीका के प्रमुख बुद्धिजीवियों में एथैंस का नाम आदर के साथ लिया जाता है।