Inspirational Context: जीवन की परीक्षाओं से घबराना नहीं,  इन्हीं बाधाओं के पीछे छिपी है आपकी मंजिल

Edited By Prachi Sharma,Updated: 22 Oct, 2024 12:32 PM

inspirational context

परीक्षा यह शब्द कानों में पड़ते ही दिल में एक प्रकार का डर अपने आप शुरू हो जाता है। इसका कारण है सफलता और विफलता के विषय में हमारी सोच एवं मान्यताएं।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Inspirational Context: परीक्षा यह शब्द कानों में पड़ते ही दिल में एक प्रकार का डर अपने आप शुरू हो जाता है। इसका कारण है सफलता और विफलता के विषय में हमारी सोच एवं मान्यताएं। जी हां ! परीक्षा देने से या परीक्षा आने पर अधिकांश लोग इसीलिए घबराते हैं क्योंकि उन्हें असफल होने की बड़ी चिंता रहती है और इसका मूल कारण है आत्मविश्वास की कमी।

इसीलिए कहा जाता है कि जो जीतने वाला है, वह कभी निराश नहीं होता और जो निराश होने वाला है, वह कभी जीत नहीं सकता। सफलता की राह पर चलते हुए हमारे सामने अनेकानेक बाधाएं व मुश्किलें तो अवश्य आएंगी ही, किन्तु उनसे डरकर हमें अपना पुरुषार्थ नहीं छोड़ना, वास्तव में मंजिल इन्हीं बाधाओं और मुश्किलों के पीछे छिपी होती है। इसीलिए देखा गया हैं कि दृढ़ता, धीरज धारण करने वाला व्यक्ति सभी प्रकार की समस्याओं को पार करते हुए आखिरकार अपने लक्ष्य तक पहुंचने में सफल हो ही जाता है।

PunjabKesari Inspirational Context


हम सभी जानते भी हैं और मानते भी हैं कि यह संसार निन्दकों, चापलूसों, स्वार्थियों और उकसाने वालों से भरा पड़ा है और हमारे सामने अधिकतर परीक्षाएं इन्हीं लोगों की बदौलत उपस्थित होती हैं, परन्तु हम यह भूल जाते हैं कि ऐसी परीक्षाओं के कारण ही तो हमें यह पता चलता है कि कौन कितना परिपक्व है और सहनशीलता, धीरज आदि गुणों की किसने कितनी धारणा की है।

अत: हमें अस्वस्थ होने की बजाय और खुश होना चाहिए कि कम से कम कोई तो है, जिसे हमारी प्रगति की इतनी चिंता है। मान लीजिए एक व्यक्ति है, जिसे आप वर्षों तक अपना घनिष्ठ मित्र समझते रहे; जो बार-बार अपनी ही स्वार्थ सिद्धि को सर्वोपरि रखता है और जब कभी भी मौका आता है, तब वह अपना ही काम निकालता रहता है। आप उसे मित्र भाव से अपना हाल बताते रहते हैं और उसका आतिथ्य भी करते हैं, परन्तु उसका व्यवहार आपसे सदा साधारण ही रहता है।

PunjabKesari Inspirational Context

उसकी अमिट स्वार्थ-भावना को देखकर आपको कैसा लगेगा, आपके मन में क्या विचार आएंगे ? क्या आपके मन में आनंद, शान्ति, प्रेम, उत्साह, उमंग, ज्ञान एवं सद्गुण टिके रहते हैं या गर्म तवे पर पानी की तरह भाप बनकर उड़ जाते हैं? कहने का भाव यह है कि संसार में ऐसे स्वार्थी, निन्दक, न्यायरूपी गुण में कमजोर लोग तो ढेरों हैं, उनकी वजह से क्या हम अपना धर्म-कर्म एवं सद्गुण छोड़कर उन्हीं के जैसे बन जाएं या अपने संस्कारों व मन को नकारात्मकताओं से बचाकर खुद को सुरक्षित रखें ?

संसार में ऐसा कौन है, जिसके जीवन में ऐसी परीक्षाएं नहीं आतीं ? इसलिए हमें यह पाठ पक्का कर लेना चाहिए कि जब तक जीना है, तब तक कुछ न कुछ सीखते रहना है और जीवन की इस पढ़ाई में उत्तीर्ण अथवा पारंगत होने के लिए हमें प्रैक्टिकल परीक्षा तो देनी ही पड़ती है। ये परीक्षाएं केवल हमारी परिपक्वता को मापने का ही साधन नहीं, अपितु हमारे जीवन को मोड़ देने वाली, हमें अनुभवी और मजबूत बनाने वाली और हमारे कई अवांछित परन्तु पक्के संस्कारों को तोड़ कर हमारा रास्ता साफ करने वाली भी होती हैं। अत: परीक्षाओं से घबराएं नहीं, बल्कि उनका स्वागत करें क्योंकि वे तो आपको आगे बढ़ाने के लिए आती हैं।
PunjabKesari Inspirational Context

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

    Trending Topics

    IPL
    Royal Challengers Bengaluru

    190/9

    20.0

    Punjab Kings

    184/7

    20.0

    Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

    RR 9.50
    img title
    img title

    Be on the top of everything happening around the world.

    Try Premium Service.

    Subscribe Now!