Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Jul, 2023 11:14 AM
संगीतकार गाल्फर्ड के पास उसकी एक शिष्या अपने मन की व्यथा कहने गई कि वह बदसूरत होने के कारण संगीत मंच पर जाते ही
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Inspirational Story: संगीतकार गाल्फर्ड के पास उसकी एक शिष्या अपने मन की व्यथा कहने गई कि वह बदसूरत होने के कारण संगीत मंच पर जाते ही यह सोचने लगती है कि दूसरी आकर्षक लड़कियों की तुलना में उसे दर्शक नापसंद करेंगे और हंसी उड़ाएंगे। यह विचार आते ही वह घबरा जाती है और गाने की जो तैयारी घर से करके ले जाती है वह सब भूल जाती है। घर पर वह इतना मधुर गाती है कि हर कोई प्रशंसा करे, पर मंच पर जाते ही न जाने उसे क्या हो जाता है कि हक्का-बक्का होकर वह अपनी सारी प्रतिभा गंवा बैठती है।
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गाल्फर्ड ने उसे एक बड़े शीशे के सामने खड़े होकर अपनी छवि देखते हुए गाने की सलाह दी और कहा-वस्तुत: वह बदसूरत नहीं है जैसा कि वह सोचती है। वैसे भी स्वर की मधुरता और बदसूरती का कोई सम्बन्ध नहीं है। जब वह भाव-विभोर होकर गाती है तब उसका आकर्षण बहुत बढ़ जाता है और उसमें बदसूरती की बात कोई सोच भी नहीं सकता। वह अपने मन में से हीनता की भावना निकाले। सुंदरता के अभाव को ही न सोचती रहे बल्कि स्वर की मधुरता और भाव-विभोर होने की मुख मुद्रा से उत्पन्न आकर्षण पर विचार करें और अपना आत्मविश्वास जगाए।
लड़की ने यही किया और आरंभिक दिनों में जो सदा सकपकाई हुई रहती थी और कुछ आयोजनों में जाने के बाद एक प्रकार से हताश हो गई थी। नया साहस और उत्साह इकट्ठा करने पर उसने बहुत प्रगति की और फ्रांस की प्रख्यात गायिका ‘मेरी बुडनाल्ड’ के नाम से प्रसिद्ध हुई।