Edited By Niyati Bhandari,Updated: 05 Sep, 2023 07:40 AM
‘चैरिटी दिवस’ के अवसर पर जरूरतमंदों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद करके महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। दूसरों की मदद करने का गुण हमारी
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International Day of Charity 2023: ‘चैरिटी दिवस’ के अवसर पर जरूरतमंदों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद करके महत्वपूर्ण योगदान दिया जा सकता है। दूसरों की मदद करने का गुण हमारी भारतीय संस्कृति में समाहित है। मदद का मतलब है, अपने स्वार्थ के बारे में सोचे बिना दूसरों की खुशी के लिए उठाया गया कोई भी कदम। मनुष्य के लिए दान ही सबसे बड़ा धर्म है। दान के समान कोई धर्म नहीं। परोपकार के महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 5 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस मनाया जाता है। यह दिन दुनिया भर के लोगों, गैर सरकारी संगठनों और हितधारकों को स्वैच्छिक तथा परोपकारी कार्यक्रमों के माध्यम से दूसरों की मदद करने की याद दिलाने के लिए मनाया जाता है।
यह दिन मानवीय संकटों में और राष्ट्रों के भीतर मानवीय पीड़ा को कम करने में दान द्वारा निभाई गई भूमिका को उजागर करने के लिए भी मनाया जाता है। शिक्षा दान, राशन दान, भोजन दान के अलावा आप किसी गरीब की बेटी की शादी करके कन्या दान में भी योगदान कर सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस का मुख्य उद्देश्य जागरूकता पैदा करना और स्थानीय, राष्ट्रीय, क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर व्यक्तियों, धर्मार्थ, परोपकारी और स्वैच्छिक संगठनों को दुनिया भर में दान-संबंधी गतिविधियों के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है।
दुनिया भर में यूं मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस
इस दिन, संयुक्त राष्ट्र सभी सदस्य देशों, विभिन्न संगठनों और दुनिया भर के लोगों से दान में योगदान देने और अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस को सफल बनाने की अपील करता है। इस दिन दान का महत्व समझाया जाता है और लोगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। दान का मतलब केवल पैसा देना नहीं है। आप किसी भूखे व्यक्ति को खाना खिलाकर या किसी गरीब व्यक्ति और उनके बच्चों की स्कूल की फीस देकर भी अपना योगदान दे सकते हैं।
History International Day of Charity इतिहास
संयुक्त राष्ट्र ने मदर टैरेसा की पुण्यतिथि 5 सितम्बर को अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस घोषित किया था। सदैव परोपकारी कार्यों में लगी रहने वाली मदर टैरेसा को ‘गरीबी और संकट’ को कम करने के संघर्ष में उनके काम के लिए 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
2012 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने आधिकारिक तौर पर अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस की घोषणा की, जिसका सभी देशों ने समर्थन किया। आइए अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस पर गरीबों और जरूरतमंद लोगों की यथासंभव मदद करने का संकल्प लें।