Edited By Jyoti,Updated: 25 May, 2018 02:37 PM
कमला एकादशी को सभी एकादशियों से ज्यादा महत्व होता है। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। यह एकादशी हर साल नहीं आती बल्कि 3 साल में एक बार पड़ती है।
ये नहीं देखा तो क्या देखा (देखें विडियो)
कमला एकादशी को सभी एकादशियों से ज्यादा महत्व होता है। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। यह एकादशी हर साल नहीं आती बल्कि 3 साल में एक बार पड़ती है। इस बार की एकादशी का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि इस बार इस दिन बहुत ही शुभ संयोग बन रहा है।
3 वर्ष बाद आए अधिकमास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी में बहुत ही अद्भुत संयोग है। इसमें अधिकमास, एकादशी के और शुक्रवार का शुभ संयोग है जो मां लक्ष्मी का दिन है। इसलिए आज के दिन ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए। जिससे कि भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी नाराज़ हो जाएं। इसदिन पूजा-पाठ ध्यान करें। इससे आपको फल ज़रुर मिलेगा। इसके साथ ही ज्योतिष के अनुसार इस दिन कुछ कामों को नहीं करना चाहिए।
न करें ये काम
इस एकादशी व्रत में जल का भी सेवन नहीं करना चाहिए परंतु यदि ऐसा संभव न हो तो व्रत में कांसे के बर्तनों में भोजन न करें।
मूंग, मसूर, चना, कद्दू, शाक और मधु का भी सेवन न करें।
कभी भी पूजा करते समय चावल का इस्तेमाल न करें। उसकी जगह तिल का इस्तेमाल करें। शास्त्रों के अनुसार एकादशी में चावल का सेवन करने से मन में चंचलता आती है जिसके कारण मन भटकता है इसलिए चावल खाने से बचना चाहिए।
भगवान विष्णु को भोग तुलसी दल के साथ लगाएं।
एकादशी दिन आलस्य करना वर्जित माना जाता है। इसलिए बिल्कुल न करें।
एकादशी की रात बिस्तर में नहीं सोना चाहिए। इससे आपको व्रत का फल नहीं मिलेगा।
क्या आपने कभी इस पेड़ को देखा है (देखें विडियो)