Edited By Niyati Bhandari,Updated: 09 Nov, 2022 07:54 AM
कार्तिगाई दीपम का त्यौहार हर माह मनाया जाता है। यह मुख्य तौर पर दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला सबसे पुराना पर्व है। यह त्योहार दिवाली की तरह मनाया जाता है।
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Karthigai Deepam festival 2022 : कार्तिगाई दीपम का त्यौहार हर माह मनाया जाता है। यह मुख्य तौर पर दक्षिण भारत में मनाए जाने वाला सबसे पुराना पर्व है। यह त्योहार दिवाली की तरह मनाया जाता है।
1100 रुपए मूल्य की जन्म कुंडली मुफ्त में पाएं। अपनी जन्म तिथि अपने नाम, जन्म के समय और जन्म के स्थान के साथ हमें 96189-89025 पर व्हाट्सएप करें
Story of Monthly Karthigai मासिक कार्तिगाई की कहानी: पुराणों में इस पर्व से संबंधित बहुत सारी कहानियां हैं। ऐसी ही एक कथा के अनुसार छः आकाश की देवियां थी। जिन्होंने 6 बालकों का पालन-पोषण किया था। देवी पार्वती ने उन छ: को मिलाकर एक देव उत्पन्न किए। जिन्हें कार्तिकेय कहा जाता है। यह भगवान शिव के पुत्र थे। उन्हीं को ये पर्व समर्पित है।
Karthigai deepam story: अन्य कथा के अनुसार ब्रह्मा-विष्णु के बीच श्रेष्ठता को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया। तभी ब्रह्मा जी ने कहा जो भी इस शिवलिंग का अंत पता करेगा, वही श्रेष्ठ होगा। उसी समय दोनों अंत पता करने निकल गए। सदिया बीत गई पर अंत का पता नहीं चला। विष्णु जी निराश होकर वापिस लौट आए लेकिन ब्रह्मा जी चलते गए।
बहुत दूर तक चलने के बाद भी ब्रह्मा जी उसके छोर तक नहीं पहुंचे तो उन्होंने केतकी के फूल से अपना साथ देने को कहा। ऐसे में केतकी का फूल मान गया और भगवान शिव से बोला की ब्रह्मा जी ने शिवलिंग का अंत प्राप्त कर लिया है।
भगवान शिव ब्रह्मदेव के झूठ को जान गए, अत: उन्होंने ब्रह्मा का पांचवा सिर काट दिया। तभी से ब्रह्मा पंचमुख से चार मुख वाले हो गए। केतकी यानी केवड़े के फूल ने झूठ बोला था, भगवान शिव ने उसे दंडित करने के लिए उससे अपनी पूजा का अधिकार छिन लिया। शिव पूजा में कभी भी केतकी का फूल अर्पित नहीं किया जाता।