Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Nov, 2023 08:13 AM
प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है
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Karwa Chauth 2023: प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं। यह व्रत निर्जला रखा जाता है, व्रत के दौरान सुहागिनें दिन भर जल ग्रहण नहीं करती हैं। यह व्रत पूरे दिन रखा जाता है। इस बार करवा चौथ का व्रत आज 1 नवंबर 2023 बुधवार को रखा जाएगा। मान्यता के अनुसार करवा चौथ का व्रत रखने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और दांपत्य जीवन खुशहाल होता है।
करवा चौथ के व्रत को खोलने से पहले सुहागिनें पूजा की थाल लेकर चंद्रमा के दर्शन करने के बाद छलनी से अपने पति को पूजती हैं। उनके पेर छूकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करती हैं और फिर जल पीकर व्रत को खोलती हैं। करवा चौथ की थाल के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्रियां उसमें रखी जाती हैं। आइये जानते हैं, उन सामग्रियों के बारे में जिसे करवा चौथ की थाली में रखा जाता है।
When will the moon rise on Karva Chauth करवा चौथ पर चांद कब निकलेगा
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल करवा चौथ की पूजा का समय 1 नवंबर 2023 को शाम 05 बजकर 36 मिनट से शाम 06 बजकर 54 मिनट तक है। इसके साथ ही करवा चौथ का चांद रात 08 बजकर 15 मिनट पर निकलेगा। शहर के हिसाब से कुछ मिनट का बदलाव हो सकता है।
Importance of Karva and Seenk करवा और सींक का महत्व
करवा चौथ में मिट्टी या फिर पीतल के करवा का विशेष महत्व है। जहां करवा को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ की करवा की टोटी को सूंड मानी जाती है। इसलिए इसमें जल भरकर चंद्रदेव को अर्घ्य देने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
Kans ki seenk कांस की सींक
करवा चौथ में कांस की सीक का विशेष महत्व है। इन्हें करवा की टोटी में लगाया जाता है। ये सींक शक्ति से संबंधित है।
Karva Chauth thali and ingredients करवा चौथ की थाली और सामग्री
Karva Chauth puja material करवा चौथ पूजन सामग्री
करवा चौथ के पूजन थाली में करें ये चीजें शामिल- चंदन, शहद, अगरबत्ती, पुष्प, कच्चा दूध, शक्कर, शुद्ध घी, दही, मिठाई, गंगाजल, कुंकू, अक्षत (चावल), सिंदूर, मेहंदी, महावर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, दीपक, रुई, कपूर, गेहूं, शक्कर का बूरा, हल्दी, पानी का लोटा, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, चलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलवा, दक्षिणा (दान) के लिए पैसे, इत्यादि।
Karva Chauth worship method करवा चौथ पूजन विधि
करवा चौथ के पूरे दिन निर्जल रहना होता है। इस दिन पूजा के लिए आठ पूरियों की अठावरी बनाएं, हलवा बनाएं साथ ही पीली मिट्टी से गौरी बनाएं और उनकी गोद में गणेश जी बनाकर बिठाएं गौरी को चुनरी ओढ़ाएं बिंदी आदि सुहाग सामग्री से गौरी का श्रृंगार करें। जल से भरा हुआ लोटा रखें करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें। उसके ऊपर दक्षिणा रखें, रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं।
गौरी-गणेश की परंपरानुसार पूजा करें। पति की दीर्घायु की कामना करें। करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें। कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपनी सासू जी के पैर छूकर आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें। रात्रि में चन्द्रमा निकलने के बाद छलनी की ओट से उसे देखें और चन्द्रमा को अर्ध्य दें। इसके बाद पति से आशीर्वाद लें, उन्हें भोजन कराएं और स्वयं भी भोजन करें। सास अपनी बहू को सरगी भेजती है सरगी में मिठाई, फल, सेवइयां आदि होती है। इसका सेवन महिलाएं करवा चौथ के दिन सूर्य निकलने से पहले करती हैं।
वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड, राष्ट्रीय गौरव रत्न से विभूषित
पंडित सुधांशु तिवारी
एस्ट्रोलॉजर/ ज्योतिषाचार्य
सम्पर्क सूत्र- 9005804317